1- कंप्यूटर प्रोग्रामर
जिन लोगों का व्यक्त्वि जिज्ञासू या खोजी होता है उन्हे कंप्यूटर सांइस और टेक्नोलाजी का क्षेत्र की काफी जंचता है। इस क्षेत्र मे एक्पलीकेशन और कंप्यूटर से जुड़ी हुई टेक्नोलाजी पर आप फोकस कर सकते हैं। कंप्यूटर प्रोग्रामर के साथ कंप्यूटर कोड बनाने वाले भी बन सकते हैं। इस फील्ड मे आने के लिए आप को एकाग्रचित होना बहुत जरूरी है। कई बार प्रोग्रामर्स को लंबे कोड लिखने होते हैं जिसके लिये उन्हे लंबे समय तक फोकस होकर काम करना पड़ता है। ब्यूरो ऑफ लेबर स्टेटिक्स की रिपोर्ट की माने तो 2015 मे सालाना इनकम के तौर पर कंप्यूटर प्रोग्रामर को 8 लाख रूपये की कमाई होती है।
2- आर्कियोलाजिस्ट
आर्कियोलाजिस्ट एक रिसर्चर होने के साथ बेहतरीन वैज्ञानिक होते है। जिस तरह वैज्ञानक हमारी मदद विज्ञान और टेक्नोलाजी को समझने मे करते हैं उसी तरह आर्कियोलाजिस्ट हमारी मदद इतिहास को समझने मे करते हैं। जिन लोगों को चीजों को समझने और जानने की जिज्ञासा होती है उनके लिए आर्कियोलाजिस्ट एक अच्छा आप्शन होता है। ये समस्यओं को आसानी से साल्व कर सकते हैं।
3- क्राइम सीन इंवेस्टिगेटर
अगर आप क्रइम से जुड़े हुए सीरियल देखना पसंद करते है और क्राइम को साल्व करने का पैशन रखते हैं तो यह जाब आप के लिए ही बनी है। क्राइम सीन इंवेस्टिगेटर की जाब मे क्राइम सीन की जांच करना वहां सबूतों को एकत्र करना और उनकी जांच करना होता है। क्राइम सीन इंवेस्टिगेटर के पास चीजों को समझने की क्षमता होना जरूरी होता है। आप को पता होना चाहिए कि क्राइम करने की क्या वजह थी। किन परिस्थितियों मे क्राइम को अंजाम दिया गया।
4- इंवेस्टिगेटिव जर्नालिज्म
इंवेस्टिगेटिव जर्नालिज्म या खोजी पत्रकारिता एक बहुत ही चैलेंजिंग प्रोफेसन है जिसमे आप के पास लिखने की कला भी होना जरूरी है। इस क्षेत्र मे आने के लिए आप को सच जानने का जुनून होना चाहिए। आप को सावाल करना आना चाहिए। तथ्यों को ढूंढना और उन्हे साल्व करना आना चाहिए। जर्नालिस्ट बनने के लिए आप को एक प्लानर के साथ अनुशसन मे रहना आना चाहिए। एक जर्नालिस्ट को क्राइम सीन इंवेस्टिगेटर होना चाहिए। उसे टेक्नोलाजी की समझ होनी चाहिए।
5- स्टेटिसटीशिन
ज्यादातर लोगों को इसके बारे मे नही पता होता है लेकिन जिन्हे इसके बारे मे पता होता है वो इसका महत्व समझते हैं। स्टेटिसटीशिन बनने के लिए आप के पास डाटा होना चाहिए। आप के पास टेक्निकल और चीजों को समझने की क्षमता होनी चाहिए। स्टेटिसटीशिन बनने के लिए आप को आंकड़ो को पढ़ना आना चाहिए। जिसके लिए जिज्ञासू होना और खोजी होना बेहद आवश्यक है। कंपनी के मुनाफ ओर नुकसान के बीच के फर्क को एक स्टेटिसटीशिन से बेहतर कोई नही बता सकता है।
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