अलविदा कह दिया
एक महिला होकर जापान की जुनको ताबी ने वो कर दिखाया जिसे करना हर किसी के वश की बात नही हैं। जुनको ताबी इधर काफी लंबे से कैंसर की बीमारी से पीड़ित थीं। ऐसे में बीते शनिवार उन्होंने 77 साल उम्र में इस दुनिया को अलविदा कह दिया। जुनको की मौत की खबर ने उनके चाहने वालो को झकझोर कर रख दिया है। जुनको ताबी ने 19 मई 1975 को पूरी दुनिया को हैरान कर दिया था। यह वही तरीख थी जब उन्होंने दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत शिखर ऐवरेस्ट को फतह किया था।
डर का अहसास नहीं
इस हौसले भरे कारनामे के बाद वह ऐवरेस्ट पर जाने वाली पहली महिला के रूप में जानी गईं। जुनको ताबी यहीं नही रुकी। इस फतह के साथ उन्होंने दुनिया के करीब 60 पर्वत शिखरों को भी फतह किया है। वह हमेशा कहती रही हैं कि उन्हें हमेशा कुछ न कुछ रोमांचक करने की चाहत रही हैं। वही इसी इच्छा के चलते वह इन पर्वत शिखरों को फतह करने के लिए आगे बढ़ी हैं। उन्हें कभी इतनी ऊंचाई पर जानें में अंदर से कभी मायूसी व डर का अहसास नहीं हुआ। हालांकि बढ़ती उम्र के साथ बाद में इन्होंने इस ओर अपने पैर खींच लिए थे।
पुरस्कारों से नवाजा
साल 2003 में एक साक्षात्कार के दौरान उनका कहना था कि हालांकि अब वह और पर्वतों पर नहीं चढ़ना चाहती हैं। जुनको ताबी ने स्कूल के दिनों में ही यह पर्वत चढ़ने का कारनाम दिखाने लगी थीं। उन्होंने करीब 10 साल की उम्र से ही पर्वतों को चढ़ना शुरू कर दिया था। उस वक्त उनके टीचर व पर परिजन सभी उनकी हिम्मत को देखकर हैरान होते थे। जुनको ताबी को उनके साहसिक कदमों की वजह से कई बड़े पुरस्कारों से नवाजा गया था। उन्होंने नेपाल के पर्यटन को बढ़ाने के साथ ही दुनिया कई देशों के पर्यटन का बड़े संख्या में विस्तार करने में अहम भूमिका निभाई थी।
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