सफ़ेद जर्सी वाले स्पेन की आक्रामकता में कहीं कोई कमी नहीं थी. मैच देखने के लिए साल्वाडोर का स्टेडियम खचाखच भरा था. स्पेन और नीदरलैंड्स के लिए यह ग्रुप-बी का पहला मैच था. इनके अलावा इस ग्रुप में चिली और ऑस्ट्रेलिया हैं.

इस मैच में भले ही पहला गोल स्पेन ने किया लेकिन उसके बाद का इतिहास नीदरलैंड्स के नाम रहा और उसने स्पेन को बड़ी मात देते हुए 5-1 से मैच अपने नाम कर लिया.

मैच के तनाव का असर दोनों टीमों के खिलाड़ियों पर भी साफ़ नज़र आया, जब खेल के 27वें मिनट में स्पेन के शैबी अलोंसो ने पेनल्टी किक को गोल में बदलकर स्पेन को 1-0 की महत्वपूर्ण बढ़त दिलाई. पेनल्टी का कारण बना स्पेन के फ़ारवर्ड डिएगो कोस्टा को पेनल्टी एरिया में गिराना, जब वह एक खतरनाक मूव बनाने की कोशिश कर रहे थे. उन्हें नीदरलैंड्स के डिफ़ेंडर स्टीफ़न डि व्रिज ने ग़लत तरीक़े से गिराया.

स्पेन ने गँवाए मौक़े

इसके बाद नीदरलैंड्स ने भी जबावी हमले बोले. हालांकि स्पेन ने गोल करने के एक-दो मौक़े भी गँवाए. लेकिन इस विश्व कप में अभी तक का सबसे बेहतरीन क्षण तब आया जब मध्यांतर से केवल एक मिनट पहले नीदरलैंड्स के फ़ारवर्ड रॉबिन वान पर्सी ने पेनल्टी एरिया में मिले शानदार क्रास पर हैडर से बॉल को जाल में उलझा दिया और स्पेन के गोलकीपर कैसीलास और तमाम दर्शक आंखें फाड़े देखते रह गए.

नीदरलैंड्स ने वर्ल्ड चैंपियन स्पेन को रौंदा

मध्यांतर के बाद नीदरलैंड्स के खिलाड़ियों ने स्पेन पर एक के बाद एक हमले कर उनकी रक्षा पंक्ति की कमियां भी उजागर कर दीं. 53वें मिनट में शानदार मूव पर नीदरलैंड्स के रॉबन ने पेनल्टी एरिया में मिले पास पर स्पेन के दो खिलाड़ियों को छकाते हुए लैफ़्ट फ़ुट से जानदार शॉट लगाते हुए अपनी टीम के लिए गोल कर स्कोर 2-1 कर दिया.

नीदरलैंड्स के खिलाड़ियों का जोश यहीं कम नहीं हुआ. अब कमाल दिखाया स्टीफ़न डि व्रिज ने. उन्होंने 64वें मिनट में पेनल्टी एरिया में खिलाड़ियों के जमघट के बीच एक लॉब पर हैडर से शानदार गोल कर टीम को 3-1 की अजेय बढ़त दिला दी. यह उनका पहला अंतराष्ट्रीय गोल था, लेकिन उनके लिए इससे बेहतर टाइमिंग क्या होती.

5-1 से जीत

मगर अभी और रोमांच बाकी था. स्पेन के गोलकीपर केसीलास की एक भूल टीम पर और भारी पड़ी, जब बॉल को अपने कब्ज़े में लेने के लिए वह आगे बढ़े पर इससे पहले कि वह बॉल तक पहुंचते नीदरलैंड्स के पर्सी ने पलक झपकते ही तेज़ी से बॉल को गोल बॉक्स में पंहुचा दिया. इसके साथ ही हॉलैंड की बढ़त 4-1 हो गई. चौथा गोल खेल के 72वें मिनट में हुआ.

खेल के 80वें मिनट में रॉबेन ने मध्य रेखा के पास बॉल को संभाला और स्पेन के दो खिलाड़ियों को छकाते हुए पहले तो पेनल्टी एरिया में पहुंचे. उसके बाद लैफ़्ट फ़ुट से शॉट लगाते हुए अपना दूसरा गोल करते हुए स्कोर को 5-1 कर दिया.

इसके बाद हैरान और परेशान स्पेन के गोलकीपर कैसीलास ने लगातार दो बेहतरीन बचाव किए. साथ ही नीदरलैंड्स ने पिछले विश्व कप फाइनल में स्पेन से 1-0 से मिली हार का भरपूर बदला भी ले लिया. नीदरलैंड्स की यह शानदार जीत थी लेकिन स्पेन शायद ही इस हार को याद रखना चाहेगा.

स्टेडियम से बाहर जाते समय विश्व चैंपियन टीम के खिलाड़ियों के कंधे पूरी तरह झुके थे. साथ ही नीदरलैंड्स के खिलाड़ियों ने दिखा दिया कि इस विश्व कप में उनकी चुनौती कितनी मज़बूत है. नीदरलैंड्स के लिए अपना 100वां मैच खेल रहे स्नाइडेर के लिए इस बेहतरीन जीत से बढ़कर तोहफ़ा क्या होगा?

मैक्सिको की कैमरून पर जीत

नीदरलैंड्स ने वर्ल्ड चैंपियन स्पेन को रौंदा

इससे पहले विश्व कप फुटबॉल के दूसरे टूर्नामेंट में मैक्सिको ने कैमरून को 1-0 से पराजित कर दिया. ग्रुप-ए के इस मैच में दोनों टीमों के बीच शुरू से ही काफ़ी संघर्ष देखने को मिला. मैच के दौरान भारी बारिश भी आई, जिसका असर खेल पर पड़ा.

मैक्सिको के लिए विजयी गोल खेल के 61वें मिनट में ओरिबे पेरेल्टा ने किया. इसके साथ ही मैक्सिको महत्वपूर्ण तीन अंक पाने में कामयाब रहा. अब पूल-ए मेज़बान ब्राज़ील एक जीत और 3 गोल के आधार पर पहले स्थान पर है, जबकि मैक्सिको एक जीत और एक गोल के आधार पर दूसरे स्थान पर है. ब्राज़ील ने इस विश्व कप के उदघाटक मुक़ाबले में क्रोएशिया को आसानी से 3-1 से मात दी थी.

कैमरून और मैक्सिको के बीच जब खेल शुरू हुआ, तो पहले लगभग 15 मिनट तक मैक्सिको की आक्रामक पंक्ति के खिलाड़ियों ने कैमरून पर दनादन हमले बोले. मैक्सिको के हैक्टर हेरेरा इन हमलों के सूत्रधार बने. उनका बखूबी साथ निभाया कप्तान राफ़ेल मार्क़ेज़ और ओरिबे पेरेल्टा ने. कैमरून के गोलकीपर चार्ल्स इतांदजे ने कई बेहतरीन बचाव किए.

मध्यांतर तक दोनों टीमें 1-1 से बराबरी पर थीं, लेकिन इससे पहले करीब 10 मिनट तक भारी बारीश में कैमरून ने भी कई काउंटर अटैक किए. एक समय तो कैमरून के कप्तान सैमुअल इटो को रोकना मैक्सिको के खिलाड़ियों के लिए बेहद मुश्किल हो रहा था ऐसे में दोनों टीमों ने रफ़ खेल भी दिखाया.

मैक्सिको इससे पहले 1986 में क्वार्टर फाइनल तक का सफ़र तय कर करने में कामयाब रहा था. तब क्वार्टर फाइनल में उसे पैनल्टी शूटआउट में जर्मनी ने 4-1 से हराया था. अब मैक्सिको 17 जून के मेज़बान ब्राज़ील से और कैमरून 18 जून को क्रोएशिया से भिड़ेगा.

शुक्रवार को ही विश्व कप में खेले गए एक अन्य मुक़ाबले में चिली ने ऑस्ट्रेलिया को 3-1 से हरा दिया. चिली की ओर से एलेक्सी सांचेज़ ने 12वें, वाल्दीविया ने 14वें और ब्यूसेजॉर ने 90वें मिनट में गोल दागा. उधर, ऑस्ट्रेलिया की तरफ़ से पूर्व एवरटोन मिडफ़ील्डर टिम काहिल ने एकमात्र गोल किया.

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