बेहद दर्दनाक दास्तां
वर्तमान में जर्मनी के डॉक्टर यान इल्हान किजिलहान के यहां 17 साल की एक यजीदी लड़की यास्मीन पिछले कुछ दिनों से अपना उपचार करा रही हैं। मानसिक व शारीरिक रूप से लगभग काफी हद तक सुधर चुकी यास्मीन आज भी जब अपने अतीत को याद करती हैं तो सिहर जाती है। वह बताती है कि 3 अगस्त 2014 को आईएसआईएस के लड़ाके उनके सिंजार इलाके में घुस आए थे। यहां पर वह यजीदियों को तीन समूहों में बांटकर बड़ी संख्या में उन्हें अपने कब्जे में ले लिया था। यास्मीन की दास्तां सुनकर शायद ही कोई हो जिसकी आंखों में आंसू न आएं।
100 बार रेप किया
इराक की हजारों महिलाओं के साथ हर दिन वही होता है जिससे वह किसी तरह से बचकर निकली है। यास्मीन का कहना है कि जब वह 8 साल की थी तब उसे 10 महीने में करीब 8 बार बेचा गया। इतना ही नहीं इस दौरान उसके साथ करीब 100 बार रेप किया गया। हर दिन वह जीते जी मरती थी। वह खुद को इन आईएसआईएस के दरिंदो से बचाने की लाख कोशिश्ा करती थी लेकिन ये हैवान उसे ढूंढ निकाते थे। जिससे वह एक बार भागकर रिफ्यूजी कैंप में दो हफ्तों तक छिपी रही। वहां भी उसे आईएसआईएस के लड़ाकों की आवाज सुनाई दी तो कांप उठी।
प्रॉपर ट्रीटमेंट से ठीक
इसके बाद उसने खुद की पहचान मिटाने की कोशिश की। उसने खुद पर कैरोसिन डालकर अपने चेहरे को बर्बाद करने में ही भलाई समझी। उसे यह सब करने में बेहद दर्द हुआ लेकिन यही वह एक रास्ता था जिससे वह खुद को इन दरिंदो से बचा सकती थी। कैरोसिन डालने से यास्मीन के आज बाल, नाक, होंठ और कान पूरी तरह से जलकर पिघल गए थे। वह मानसिक रूप से भी विक्षिप्त सी हो गई थी। इसी हालत में वह डॉक्टर यान इल्हान किजिलहान को भी मिली थी। शुरुआत में यह उनसे भी काफी डरती थी। हालांकि बाद में प्रॉपर ट्रीटमेंट से वह ठीक हो गई।
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