ऐसा है मामला
ये पूरा मामला है 21 फरवरी की रात का। इस रात गांव में हरनाम सिंह की छोटी बेटी की शादी थी। उसकी बेटी की उम्र 16 साल थी। मामला साफ तौर पर नाबालिग की शादी का था। फिलहाल शादी तो किसी तरह से संपन्न हो गई। वहीं शादी के दूसरे दिन 22 फरवरी को मामले की भनक महिला एवं बाल संरक्षण विभाग को पड़ गई।
जारी किया नोटिस
विभाग की ओर से ऑफीसर रेखा अग्रवाल ने नाबालिग के परिजनों को मामले से संबंधित नोटिस जारी कर दिया और स्पष्टीकरण मांगा। इस बारे में ऑफिसर रेखा अग्रवाल ने बताया कि मामले को किसी तरह दबाने के लिए हरनाम सिंह ने बेटी की उम्र के प्रमाण के तौर पर अपनी आठ साल पहले मर चुकी बड़ी बेटी राजकौर का आधार कार्ड और जन्म प्रमाण पत्र उन्हें दिखाया।
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ऐसा किया हेर-फेर
बड़ी बेटी का जन्म प्रमाण पत्र दिखाते हुए उसने कहा कि शादी करने वाली उसकी बेटी पूरी तरह से बालिग है। वहीं असल मामला पकड़ में उस समय आया जब विभाग ने सूचना में बताए गए लड़की के नाम की जांच-पड़ताल की। प्रोटेक्शन ऑफिसर के गहराई से जांच करने पर पता चला कि हरनाम सिंह ने 21 फरवरी को अपनी जिस बेटी की शादी की है उसका नाम राजकौर नहीं है। अधिकारियों को दिखाया गया प्रमाण पत्र शादी करने वाली लड़की की बड़ी बहन का है। उससे भी बड़ी बात ये है कि लड़की की ये बड़ी बहन आठ साल पहले मर चुकी है।
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मामला हुआ साफ
मामला साफ हो गया कि लड़की के पिता की ओर से फर्जी आधार कार्ड और मरी हुई बेटी का जन्म प्रमाण पत्र दिखाया गया था। विभाग को गुमराह कर नाबालिग बेटी की शादी का सच छिपाने का मामला सामने आया। अब प्रोटेक्शन ऑफीसर रेखा अग्रवाल ने पूरे मामले की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेज दी है। उन्होंने बताया है कि अब आगे नियामानुसार कार्रवाई शुरू की जाएगी।
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