अंतरिक्ष के किसी भी मिशन में साइंटिस्ट के सामने सबसे बड़ी चुनौती एस्ट्रोनाट्स को खाना पहुचाने की ही होती है. इसलिये नासा प्लान बना रही है कि खाने की समस्या को स्पेस में ही साल्व कर लिया जाए. नासा की मानें तो इस तरीके से एस्ट्रोनाट्स अपनी डाइट की जरूरतों को पूरा करने के लिए किचन गार्डन में सब्जियां उगा सकते हैं. इसमें सलाद पत्ता, पालक, गाजर, टमाटर, हरी प्याज, मूली, मिर्च, स्ट्रॉबेरी और बंदगोभी को शामिल किया गया है.
नासा के रिसर्चर्स के मुताबिक इससे इससे एस्ट्रोनाट्स को अच्छा खाना तो मिलेगा ही साथ ही स्पेस क्राफ्ट का एटमास्फियर भी सुधरेगा. यान में ऑक्सीजन गैस का प्रोडक्शन होगा और कार्बन डाइऑक्साइड को हटाने में मदद मिलेगी. संभावना जताई जा रही है कि नासा सन 2030 में मंगल ग्रह के लिए अपने पहले मैन मिशन की शुरुआत करेगा.
गौरतलब है कि मंगल ग्रह के लिए प्रपोज्ड मिशन में ट्रैवेल टाइम लगभग पांच साल का है और इस मिशन में प्रति व्यक्ति 3,175 किलो खाने की जरूरत होगी और इसे देखते हुए साइन्टिस्ट को नए रास्ते तलाशने ही होंगे. अंतरिक्ष में खेती को एक आप्शन के तौर पर अपनाया जा सकता है. यह भी प्लान है कि मंगल पर एस्ट्रोनाट्स के जाने से पहले एक मानवरहित विमान भेजा जाएगा जिसमें पर्याप्त मात्रा में खाना होगा और एस्ट्रोनाट्स के वहां पहुंचने पर उन्हें यह खाना मिल सकेगा.
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