धोनी ने जमकर बहाया पसीना
बेंगलुरु (पीटीआई)। भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी लोगों की नजरों से दूर इंग्लैंड दौरे से पहले राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में नेट पर पसीना बहाते हुए देखे गए। उन्होंने सैकड़ों गेंदों का सामना किया, जिसमें से लगभग 70 प्रतिशत थ्रो-डाउन की गई थीं। धोनी ने 15 जून को वनडे टीम के खिलाडि़यों के साथ यो-यो टेस्ट दिया था और दूसरे खिलाडि़यों के जाने के बाद भी वह यहां रुके रहे। धोनी सोमवार को एनसीए में थ्रो-डाउन विशेषज्ञ रघु और तेज गेंदबाज शार्दुल ठाकुर के साथ यहां पहुंचे और लगभग ढाई घंटे तक 18 गज की दूरी से थ्रो-डाउन पर अभ्यास किया। इस बीच शार्दुल भी गेंदबाजी करते रहे। लगातार दो घंटे अभ्यास करने के बाद धोनी ने छोटा साथ ब्रेक लिया और फिर से अभ्यास में जुट गए। इस दौरान सिद्धार्थ कौल यहां आ गए और उन्होंने भी पूर्व भारतीय कप्तान को गेंदबाजी की। धोनी ने शार्दुल को काल्पनिक क्षेत्ररक्षण लगाने के लिए कहा, जिसके बाद शार्दुल ने उन्हे मिड विकेट, एक्स्ट्रा कवर और डीप फाइन लेग में काल्पनिक क्षेत्ररक्षक रखने का इशारा किया और फिर धोनी ने क्षेत्ररक्षकों को ध्यान में रखते हुए शॉट खेले।
सचिन ने भी संन्यास से पहले यही किया था
आपको बता दें कि सचिन तेंदुलकर भी अपने अंतरराष्ट्रीय करियर के आखिरी के कुछ वर्षो में मुंबई के बांद्रा कुर्ला परिसर में खुद ही अभ्यास करते थे और एनसीए में धोनी का अभ्यास सत्र भी कुछ ऐसा ही है। क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन ने 2013 में क्रिकेट को अलविदा कह दिया था। खैर धोनी अभी सिर्फ टेस्ट क्रिकेट से दूर हैं मगर सीमित ओवरों में वह आज भी उतने ही फिट हैं, जितने 10 साल पहले थे। माही का ध्यान इस समय अगले साल होने वाले वर्ल्ड कप पर है। 2011 में अपनी कप्तानी में टीम को चैंपियन बनाने वाले माही क्रिकेट को अलविदा कहने से पहले एक और बार वर्ल्ड कप चैंपियन टीम का हिस्सा जरूर बनना चाहेंगे।
कप्तान कोहली को देना होगा 'विराट' टेस्ट
एक तरफ जहां माही नेट पर पसीना बहा रहे, वहीं विराट फिलहाल घर पर रेस्ट कर रहे हैं। हालांकि भारतीय कप्तान कोहली को इसी महीने इंग्लैंड जाना था मगर वह कंधे की चोट की वजह से नहीं जा पाए थे। विराट ने इंग्लैंड दौरा शुरु होने से पहले काउंटी खेलने का मन बनाया था, ऐन वक्त पर उन्हें चोट के चलते अपने हाथ पीछे खींचने पड़े। बता दें कि विराट कोहली के काउंटी क्रिकेट खेलने की एक बड़ी वजह यह थी कि विराट का प्रदर्शन अन्य देशों की तुलना में इंग्लैंड में ज्यादा बेहतर नहीं है। ऐसे में बीसीसीआई चाहता था कि भारत-इंग्लैंड सीरीज से पहले विराट इंग्लैंड की पिचों से अच्छी तरह वाकिफ हो जाएं। विराट को यहां तीन रॉयल लंदन कप (50 ओवर) मैच खेलना था और तीन काउंटी फोर डे गेम का हिस्सा थे मगर वह ये मैच नहीं खेल सके।
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