सोशल मीडिया पर इस साइट ने काफी अच्छी शुरुआत की थी, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इसको कहां पर बनाया गया था। आपको बता दें कि 2004 में इसे हार्वर्ड यूनीवर्सिटी के डोर्म रूम में चंद दोस्तों ने मिलकर क्रिएट किया था। इन दोस्तों में पहला नाम था मार्क जुकरबर्ग, दूसरे थे डस्टिन मॉस्कोविट्ज, तीसरे थे एडुआर्डो सावेरिन और चौथे थे क्रिस ह्यूज।
आपको ये जानकर हैरानी होगी कि Facebook मार्क जुकरबर्ग की पहली साइट नहीं थी। 2003 में इन्होंने Facemash नाम की साइट भी बनाई थी। इसमें इन्होंने 'hot or not' फॉरमेट में हार्वर्ड के स्टूडेंट्स की तस्वीरों को दिखाया था। हालांकि ये साइट लोगों के सामने नहीं आई।
Facebook का लोगो नीले रंग का है। क्या आप जवाब दे सकते हैं कि क्यों। दरअसल बताया जाता है कि Facebook के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग को कलर ब्लाइंडनेस है। ऐसे में नीला वो रंग है जिसे वो आसानी से देख सकते हैं। यही कारण है कि उन्होंने अपने Facebook के लोगो का कलर भी नीला ही रखा है।
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2004 में $500,000 का कैश मिलने के बाद जुकरबर्ग ने यूनीवर्सिटी से निकलकर कैलिफोर्निया के पालो अल्टो में Facebook HQ को शुरू किया।
उसके बाद धीरे-धीरे बचत के रूप में Facebook से मिलने वाली आमदनी बढ़ने लगी। 2005 में कंपनी से $12.7 लाख मिले तो 2006 में यही आमदनी बढ़कर $27.5 लाख हो गई।
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thefacebook.com को लाइव करने के छह दिन में ही साइट पर 650 यूजर्स इकट्ठा हो गए। वहीं लॉन्च करने के नौ महीने बाद साइट को करीब दस लाख एक्टिव यूजर्स मिले। इसके बाद करीब एक साल पूरे होने पर इसकी बढ़ती पॉपुलैरिटी को देखते हुए जुकरबर्ग ने इसका नाम बदलकर Facebook.com कर दिया।
2007 में इसके होम पेज को रीडिजाइन किया गया। उसके पहले Facebook के फ्रंट पेज पर एक आदमी का ब्लर फेस दिखाया गया। इसको 'Facebook guy' के नाम से जाना गया। बात में लोगों को मालूम पड़ा कि वो एक्टर अल पचीनो का चेहरा था।
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Facebook को अपना ब्रांड बचाने के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ी। आपको बता दें कि इस समय Facebook से जुड़े करीब 1900 डोमेन मौजूद हैं। जैसे FB.Com, IHateTheFacebookLikeButton.com समेत कई और।
आपको ये जानकर भी ताज्जुब होगा कि जहां अन्य टेक कंपनीज हैकर्स से नफरत करती हैं, वहीं Facebook इनका स्वागत करता है। दरअसल कंपनी यूजर्स को बग्स को पकड़ने को लेकर प्रोत्साहित करती है। इसके लिए कंपनी की ओर से कई यूजर्स को रिवॉर्ड भी दिए जा चुके हैं।
हैकर्स का स्वागत करने की बात का सबसे बड़ा उदाहरण भी दिया जा सकता है। वो ये कि एक बार 2005 में यूनिवर्सिटी के एक स्टूडेंट क्रिस पटनम ने Facebook पर एक वायरस के जरिए अटैक किया। इस वायरस ने इसी की तरह दिखने वाला एक कॉम्पटीटर पेज MySpace तैयार कर दिया। इसके बारे में मालूम पड़ने पर Facebook के को-फाउंडर ने हैकर के खिलाफ कोई एक्शन लेने के बजाए उसे बुलाकर Facebook में बतौर इंजीनियर काम करने का ऑफर दिया।
साइट पर आपको अपने किसी भी जानने वाले को ब्लॉक करने की सुविधा है, लेकिन आप कुछ भी करके मार्कजुकरबर्ग को ब्लॉक नहीं कर सकते।
ब्लूमबर्ग के दिए आंकड़ों पर गौर करें तो सिर्फ 31 साल की उम्र में जुकरबर्ग दुनिया के छठे सबसे अमीर इंसान बन चुके हैं।
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