इंडोनेशिया के नेशनल पार्क में खींची गई बंदर की यह तस्वीर
ब्रिटेन के अवार्ड विनिंग फेमस वाइल्ड लाइफ फोटोग्राफर डेव स्लेटर इंडोनेशिया के एक नेशनल पार्क में 45 डिग्री तापमान में दुर्लभ जानवरों की तस्वीरें लेने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने बेहतरीन फ्रेम और नेचुरल लाइट के बीच परफेक्ट लेंस सेट किया हुआ था। उसी दौरान उन्हें एक दुर्लभ प्रजाति का महाउ बंदर दिखाई दिया। डेव ने उसके साथ फ्रेंडशिप करने की कोशिश की। उनका यह प्रयास काम आया और कुछ समय बाद उस प्रजाति के गिने चुने कई बंदर उनके आसपास इक्ट्ठे हो गए। पहले उन्होने खुद रिमोट डिवाइस से बंदरों की नेचुरल क्लोज फोटोज लेने की सोची, लेकिन फिर उन्होंने यह इरादा छोड़ दिया। इसके बाद ये बंदर कैमरे के लेंस में अपनी शक्ल देखने या फिर कैमरा शटर की आवाज सुनने के लालच में कैमरे को घेरकर फोटो बटन दबाते रहे। इस दौरान अच्छी, खराब, ब्लर कई तरह की इमेजेस शूट हुईं। डेव काफी खुश थे। फोटो प्रोसेस के दौरान डेव को दिखी वहीं मैजिकल मंकी फोटो, जिसे लोग मंकी सेल्फी कह रहे हैं। हालांकि उस समय मोबाइल से सेल्फी लेने का कोई कॉन्सेप्ट नहीं था।
बंदर की इस शानदार तस्वीर पर लगाया गया दुनिया का सबसे बेतुका कोर्ट केस
डेव स्लेटर की यह तस्वीर इतनी जानदार थी कि वो अब तक दुनिया में 5 करोड़ बार छप चुकी है, लेकिन इसके बदले डेव को एक पैसा नहीं मिला। उन्हें झेलना पड़ा अंतहीन मुकदमा। पहल बार यह फोटो पब्लिश होने के बाद ही एनिमल चैरिटी से जुड़ी एक संस्था ने डेव के खिलाफ कैलीफोर्निया कोर्ट में कॉपीराइट का केस लगा दिया। चैरिटी फंड ने कहा कि यह फोटो बंदर ने खुद खींची है, इसलिए इस तस्वीर पर बंदर का कॉपीराइट है ना कि डेव का। इसलिए फंड ने 6 साल के उसे बंदर की ओर से कॉपीराइट का केस लगा दिया, जो आज भी चल रहा है।
कॉपीराइट को लेकर लगे इस मुकदमे ने बर्बाद कर दिया डेव का करियर
इस फोटो को लेकर डेव का दावा मजबूत था कि भले ही यह तस्वीर बंदर से क्लिक की हो, लेकिन उसका माहौल उन्होंने तैयार किया था। रोशनी से लेकर लेंस सलेक्शन तक सब कुछ उनका था, तो कॉपीराइट भी उनका ही है। डेव के इस दावे के बावजूद असली समस्या तब खड़ी हुई , जब कैलीफोर्निया बेस्ड एक सोशल ब्लॉग टेकडर्ट ने यह मंकी सेल्फी कॉपीराइट फ्री इमेज की तरह ऑनलाइन कर दी। इस साइट पर से कोई भी यूजर बंदर की इस इमेज का जैसे चाहे फ्री में इस्तेमाल कर सकता था। फोटो के ऑनलाइन करने को लेकर ब्लॉग ने कहा कि बंदर ही उसका क्रिएटर है, इसलिए डेव का उस पर कोई अधिकार नहीं है। इससे यह कोर्ट केस और मुश्किल हो गया। इस मुकदमे की पैरवी में डेव की मेहनत की कमाई के लाखों डॉलर बर्बाद हो गए, लेकिन फैसला उनके पक्ष में नहीं आ सका।
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कॉपीराइट की लड़ाई ने बना दिया कंगाल, बेटी की पढ़ाई का खर्चा उठाना हुआ मुश्किल
मंकी सेल्फी के लिए सालों से चल रहे इस मुकदमे के कारण डेव का कीमती समय और पैसा दोनों बर्बाद हो गया। आज हालत ये है कि घर का पूरा खर्चा उनकी पत्नी जेनका उठाती है और उनकी सात साल की बेटी की पढा़ई भी उनकी पत्नी पर ही डिपेंड है। उनकी कार दो साल गैराज में पड़ी है, क्योंकि डेव के पास उसे रिपेयर कराने के पैसे नहीं हैं। अपने काम को अपना साबित करने के लिए लड़ी जा रही यह कोर्ट की लडा़ई अब भी खत्म नहीं हुई है।
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दो महीने बाद आ सकता है बड़ा फैसला
करियर की बर्बादी के बाद बाद आज डेव एक आखिरी उम्मीद के साथ जी रहे हैं कि उन्हें इस इमेज पर शायद रीपब्लिकेशन राइट ही मिल जाए। एक समय में मंकी सेल्फी की गूगल सर्च ने अमेरिकन टीवी स्टार किम कार्दाशियन को भी पीछे छोड़ दिया था और उससे साइटों को काफी कमाई हुई थी, लेकिन डेव के हाथ एक पैसा भी नहीं आया। डेव इस बात से जरूर संतुष्ट हो जाते हैं कि दुर्लभ बंदरों के लिए यह मंकी सेल्फी वरदान साबित हुई, क्योंकि इस तस्वीर को देखने के बाद ही उन्हें बचाने के लिए वाइल्ड लाइफ एक्टीविस्ट ने प्रयास शुरु किए। source
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