कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। कैप्टन विक्रम बत्रा के नाम का पर्चम तभी से लहराने लगा था जब वह कारगिल जंग के दौरान दुश्मन देश पर कहर बनकर टूटे थे। कारगिल जंग में कैप्टन बत्रा का कोड नेम शेरशाह था। बचपन से ही वह निडर और जिंदादिल रहे। हाल ही में बनी उनकी बायोपिक 'शेरशाह' में उनकी लाइफ से जुड़े कई अनसुने किस्से दिखाए गए है। आपको बता दें कि फिल्म 'शेरशाह' के कई ऐसे डायलॉग हैं जो विक्रम बत्रा ने खुद भी बोले थे। उनकी कही गई ये लाइन्स जवानों में जोश भर देती है।
ये दिल मांगे मोर
श्रीनगर-लेह मार्ग के ठीक ऊपर 5140 पीक को पाकिस्तानी सेना से छुड़ाकर उन्होंने दिल मांगे मोर... का डायलॉग बोला था। चोटी पर कब्जे करने के बाद जब कैप्टन विक्रम बत्रा का रेडियो पर यह मैसेज आया तो हर सैनिकों में जोश भर गया। 5140 पीक पर तिरंगा फहराते हुए कैप्टन विक्रम बत्रा का फोटो जब अखबार में आया था तभी से हर कोई उनका फैन हो गया था। इस मिशन के बाद से वह कारगिल का शेर नाम से फेमस हो गये।
वो गोली मेरे लिए थी
अगर आपने शेरशाह मूवी देखी है तो आपको पता होगा कि उसमें एक कमाल का सीन है जिसमें कैप्टन विक्रम बत्रा अपने एक साथी के शहीद हो जाने से बेहद दुखी थे, सीन में वह बोलते है कि वो गोली मेरे लिए थी और मेरी जगह वो... वो गोली मेरे लिए थी। ये बात उन्होंने अपनी बहन को फोन पर बोली थी।
तिरंगा लहराकर आऊंगा, नहीं तो उसमें लिपटकर आऊंगा
विक्रम बत्रा यारों के यार थे वो दोस्तों के साथ वक्त बिताने का कोई मौका नहीं छोड़ते थे। विक्रम बत्रा ने एक बार बातों-बातों में दोस्तों से कहा था कि तिरंगा लहराकर आऊंगा, नहीं तो उसमें लिपट कर आऊंगा, लेकिन आऊंगा जरूर। ये एक वादा था, जो कारगिल युद्ध में जाने से पहले एक भारतीय जवान ने ख़ुद से और अपने परिवार से किया था।
जंग के दौरान माधुरी दीक्षित का नाम
'शेरशाह' मूवी में एक और सीन है जिसमें कैप्टन बत्रा माधुरी दीक्षित के बारे में बात कर रहे हैं, जहां पाकिस्तानी सिपाही कहता है कि माधुरी दीक्षित हमें दे दे, हम सब यहां से चले जाएंगे, उसपर विक्रम बत्रा ने कहा है कि माधुरी दीक्षित दूसरी तरह की शूटिंग में व्यस्त है, अभी इसी से काम चला ले।' यह कहकर कैप्टन बत्रा ने पाकिस्तानी चौकी पर हैंड ग्रेनेड फैंक दिया।
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