सैन फ्रांसिस्को (आईएएनएस)। फेसबुक पर यूजर्स के डाटा प्राइवेसी से जुड़े तमाम मामलों और डाटा लीक जैसे कांड के बाद जबरदस्त पूछताछ और जांच का केंद्र बनीं Facebook ने यूजर्स के डाटा और प्राइवेसी की सिक्योरिटी को लेकर बड़ा बयान दिया है। कंपनी ने कहा है कि दुनिया भर के लोगों के ऑनलाइन डाटा को प्रोटेक्ट करने के लिए पूरी टेक इंडस्ट्री को एक साथ आना होगा। फेसबुक के प्रोडक्ट मैनेजमेंट डिपार्टमेंट के डायरेक्टर डेविड बेसर ने कहा है कि लगभग हर दिन तमाम कंपनियों से जुड़ी खबरें आती हैं कि किसी यूजर का पर्सनल डाटा गलत हाथों में चला गया। भले ही हम यूजर्स के डाटा और उनकी प्राइवेसी के प्रोटेक्शन के लिए काफी प्रयास कर रहे हों, फिर भी हमें इसका कंप्लीट समाधान नहीं मिल पाया है। इसलिए पूरी टेक इंडस्ट्री को साथ मिलकर यूजर के डाटा प्रोडक्शन पर काम करना होगा।
सोशल मीडिया का इकोसिस्टम रिवर्स गियर में नहीं जा सकता
कंपनी की तरफ से डेविड बेसर ने अपनी ऑफिशियल ब्लॉग पोस्ट में कहा है कि पूरी दुनिया भर की तमाम टेक कंपनियां आपस में कनेक्टेड हैं और टेक्नोलॉजी का यह लेटेस्ट इकोसिस्टम पूरी तरह बदला या वापस नहीं लिया जा सकता। इसलिए हमें जरूरत है कि हम एक साथ मिलकर ऐसे स्टैंडर्ड बनाएं और बेस्ट प्रैक्टिसेज फॉलो करें ताकि डाटा की पोर्टिबिलिटी की सुविधा के साथ साथ लोगों की प्राइवेसी और उनके डाटा की सिक्योरिटी सबसे अहम हो। बता दें कि पिछले हफ्ते ही Facebook, Google, Microsoft और Twitter ने घोषणा की थी कि वह एक प्लेटफार्म से दूसरे प्लेटफार्म पर यूजर के डाटा के सिक्योर ट्रांसफर से जुड़े ओपन सोर्स इनिशिएटिव यानी डाटा ट्रांसफर प्रोजेक्ट पर एक साथ मिलकर काम करेंगे। अब फेसबुक ने यूजर्स की प्राइवेसी और डाटा प्रोडक्शन को लेकर सभी कंपनियों से खुले तौर पर आगे आने को कहा है।
तमाम ऐप सचमुच कर सकती हैं आपको डाटा का दुरुपयोग
Facebook के मुताबिक दुनिया की कुछ सबसे मशहूर और पॉपुलर ऐप उनके प्लेटफॉर्म पर बनी हैं और उन पर मौजूद डाटा और इंफॉर्मेशन का वाकई दुरुपयोग किया जा सकता है। तमाम खुराफाती और बुरे लोग उन सूचनाओं को इकट्ठा करके गलत तरीके से यूज कर सकते हैं और यूजर्स का पर्सनल डाटा मार्केटर्स को बेच सकते हैं और इस बारे में यूजर्स को पता ही नहीं चलेगा और ना ही वह इसकी अनुमति देंगे।
सिक्योर सोशल मीडिया बनाने के लिए साथ जुटना पड़ेगा
बेसर के मुताबिक इस तरह के डाटा के दुरुपयोग के खिलाफ फेसबुक की क्लियर पॉलिसीज हैं लेकिन हमने देखा है कि उसके बावजूद कैंबिज एनालिटिका जैसी सिचुएशन आई थी। जिसमें तमाम बुरे लोगों ने इन पॉलिसीज को दरकिनार कर अपना उल्लू सीधा करने की कोशिश की थी। बेसर का कहना है कि तमाम लोग कहते हैं कि Facebook डाटा का दुरुपयोग ना हो पाए, इसके लिए कंपनी अपने प्लेटफॉर्म पर मौजूद तमाम ऐप्स को यूजर का डाटा एक्सेस करने से रोक सकती है। सच्चाई तो यह है कि अगर हम ऐसा करते हैं तो तमाम यूजर्स उन सर्विसेस को इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे और उसका मजा नहीं ले पाएंगे। ऐसे में हमें इसका सही तालमेल बिठाना होगा ताकि लोग सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और उसकी सर्विसेज का पूरा आनंद ले सकें और उनके डाटा या प्राइवेसी का कोई दुरुपयोग भी ना कर सके।
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