कंपनी की योजना है कि वह बुधवार को अमरीका की अर्थव्यवस्था पर नज़र रखने वाली एजेंसी में दस्तावेज़ जमा करेगा. इस साल आने वाले आईपीओ से 10 अरब डॉलर इकट्ठे किए जा सकेंगे.वॉल स्ट्रीट पर आने वाले सबसे बड़े शेयरों में से यह एक होगा. यह गूगल द्वारा साल 2004 में इकट्ठे किए गए 1.9 अरब डॉलर को बहुत पीछे छोड़ देगा.
हालांकि यह नवंबर 2010 में कार बनाने वाली कंपनी जनरल मोटर्स द्वारा एकत्र किए गए 20 अरब डॉलर से कुछ कम होगा. खबरों में कहा गया है कि मॉर्गेन स्टेनली इसमें मुख्य बीमाकर्ता होगी जबकि गोल्डमैन सैक्स के भी इसमें शामिल होने की संभावना है. इस आँकी गई कीमत के साथ फ़ेसबुक दुनिया की सबसे बड़ी कंपनियों में शामिल हो जाएगा. मीडिया हस्ती रूपर्ट मर्डोक ने ट्विटर पर कहा,''फ़ेसबुक एक बहुत बड़ी उपलब्धि है, लेकिन 75-100 अरब डॉलर से ऐपल काफी सस्ता नज़र आएगा.''
तेज़ी से बढ़ी कंपनी
मार्क ज़ुकरबर्ग और हार्वर्ड विश्वविद्यालय के उनके साथी छात्रों ने कंपनी को साल 2004 में शुरु किया था और यह जल्दी ही दुनिया की सबसे प्रसिद्ध वेबसाइटों में से एक बन गई है. यह कंपनी अपना ज़्यादातर पैसा विज्ञापनों से बनाती है. निज़ी कंपनी होने के नाते फ़ेसबुक को अपने खातों को छापने की ज़रूरत नहीं है. लेकिन पिछले साल जनवरी में खबरें आई थी कि गोल्डमैन सैक्स द्वारा भेजे गए एक दस्तावेज़ के मुताबिक साल 2010 के पहले नौ महीनों में कंपनी को 355 डॉलर मिलियन मुनाफा हुआ था.
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