रेसिज्म की घटना कम हो
जर्मन सरकार ने रिफ्यूजी क्राइसिस के चलते उत्पन्न हुई रेसिज्म की घटनाओं को कम करने के लिए यह कदम उठाया है। यही नहीं सोशल मीडिया पर इससे जुड़ी हेट स्पीच काफी वायरल हो रही थीं। जिस पर रोक लगाने के लिए सरकार ने फेसबुक, गूगल और टि्वटर से इन हेट स्पीचेस को हटाने का आग्रह किया है। बताते चलें कि इस साल जर्मनी में तकरीबन 1 मिलियन रिफ्यूजी आए हैं और इनकी भारी संख्या को देखते हुए देश में एंटी-फॉरेनर कमेंट्स काफी तेजी से फैल रहे हैं।
अब रखेंगे पैनी नजर
जर्मन जस्टिस मिनिस्टर हीयको मॉस ने बताया कि, इस नए एग्रीमेंट के तहत सोशल मीडिया पर आने वाली हेट स्पीचेस पर एंटी-रेसिज्म ग्रुप की नजर रहेगी। जो ऐसी किसी भी हरकत की रिपोर्ट तीनों कंपनियों (फेसबुक, गूगल और टि्वटर) को समय-समय पर देती रहेंगी। गौरतलब है कि जर्मनी ने पिछले साल रेसिज्म से जुड़ी हेट स्पीचेज को डिलीट न कर पाने के चलते फेसबुक के यूरोपीयन हेड से शिकायत की थी। जिसके बाद यह मामला तमल पकड़ता गया और आखिरकार फेसबुक सहित अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर हेट स्पीचेज को हटाने के लिए राजी हो गईं।
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