1960 के दशक की बेहद हिट फिल्म ‘संगम’ का एक गाना ‘दोस्त दोस्त ना रहा’ तो आपने सुना ही होगा मगर क्या आपको पता है कि आपका सबसे अच्छा दोस्त फेसबुक भी अब आपका दोस्त नहीं रहा है. फेसबुक ने जो कुछ भी किया है उससे हम आप जैसे हजारों लोगों का दिल टूट जाएगा. ऑस्ट्रेलियाई ब्लॉगर निक क्यूब्रिलोविक के एक खुलासे के बाद फेसबुक ने माना है कि उसने यूजर्स के साथ चीटिंग की है. ये बात और है कि चीटिंग जानबूझ कर नहीं बल्कि अनजाने में की गई है.
फेसबुक ने एक्सेप्ट किया है कि वो अपने लगभग 75 करोड़ यूजर्स के अकाउंट पर हमेशा नजर रखता है. आपके फेसबुक इस्तेमाल न करने के दौरान भी फेसबुक आपकी इन्फार्मेशन कलेक्ट कर रहा होता है. मतलब यह कि आप तो लागआउट हो चुके होते हैं पर फेसबुक को यह पता होता है कि आप कौन सा साइट देख रहे हैं और किस ब्रान्ड को आनलाइन खरीद रहे हैं.
माना जा रहा है कि इस खुलासे के बाद फेसबुक के लिए यूजर्स का भरोसा कायम रखना मुश्किल रहेगा. हालांकि फेसबुक ने कहा है कि यह एक सॉफ्टवेयर की वजह से हो रहा था जिसे किसी और परपज के लिये डाला गया था.
एक्सपर्ट्स की मानें तो यूजर्स के डाटा को अभी तक हर वक्त फेसबुक के सर्वर पर भेजा जाता रहता था. इस डाटा का इस्तेमाल टार्गेट एडवर्टाइजिंग कंपनियों को देने के लिए किया जा रहा था. एक ऑस्ट्रेलियाई ब्लॉगर निक क्यूब्रिलोविक ने कुछ दिनों पहले इसका खुलासा किया जिसके बाद यूजर्स ने फेसबुक को जमकर क्रिटिसाइज किया. सारी दुनिया के फेसबुक यूजर्स ने फेसबुक के इस कदम को धोखा करार दिया था.
फेसबुक ने पूरे मामले को को संभालते हुए निक को उनके काम के लिये एप्रीसिएट किया और कहा कि उनके प्वाइंट आउट करने के बाद इस कमी को सुधार लिया गया है.
ब्लागर निक ने फेसबुक यूज करने के बाद पाया था कि जब भी उन्होने फेसबुक खोला तो कंपनी की ओर से उनके कंप्यूटर में कुकीज भेज दिए गये. ये कुकीज कंप्यूटर की ब्राउज हिस्ट्री पर नजर रख रहे थे और फेसबुक को यूजर रिलेटेड सारी डिटेल्स और उनका आइपी भेज रहे थे. उन्हे यह भी पता चला कि इस इंफार्मेशन से फेसबुक लगातार यह देख रहा था कि यूजर कौन सी वेबसाइट चेक कर रहा है और क्या शापिंग कर रहा है.
International News inextlive from World News Desk