क्या कहते हैं अधिकारी
फेसबुक के आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस के प्रमुख यान ली कुन कहते हैं कि इन संकेतों के साथ इंसान लोगों को पहले ही पहचान सकते हैं। कई लोगों की खास विशेषताएं होती हैं, आप उन्हें भी देख सकेंगे। यहां तक कि उनके बैक से भी। रिसर्च टीम ने फ्लिकर से करीब 40 हजार लोगों कह फोटो को निकाला। कुछ लोग अपने चेहरों के साथ पूरी तरह से नजर आ रहे थे। वहीं कुछ ऐसे थे जो नजर नहीं आ रहे थे। अंतिम एल्गोरिथ्म ऐसे लोगों को पहचानने में 83 प्रतिशत सही रहा।  

खत्म होगी गोपनियता
हालांकि किसी को पहचानने की क्षमता, जब वह कैमरे की तरफ नहीं देख रहा हो, कैमरा को लेकर गोपनीयता के नियम को तोड़ती है। ऐसे में कुछ ऐसा जो खुद में या अपने में आप सार्वजनिक नहीं करना चाहते, उसके खिलाफ है। हाल ही में इस परिणाम को बोस्टन के कम्प्यूटर वर्जन और पैटर्न रिकगनाइजेशन कॉन्फ्रेंस में प्रस्तुत किया गया है।   

हो सकता है गंभीर
ऐसे में अब ये सवाल तो उठता ही है कि इसके आने के बाद फेसबुक जैसी सोशल साइट पर लोगों की प्राइवेसी किस हद तक रह जाएगी। कुछ अगर ऐसा है जो लोग जगजाहिर नहीं करना चाहते, वह भी सबके सामने खुली किताब की तरह होगी। तो अब आप लाख ढकना चाहे अपनी फोटो में अपने चेहरे को, लेकिन फेसबुक आपको पकड़ ही लेगा।

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