हालांकि युद्ध, गरीबी और भ्रष्टाचार से पीड़ित अफगानिस्तान का ये चलन कई लोगों चौंका सकता है लेकिन अफगानिस्तान में प्लास्टिक सर्जरी का लंबा इतिहास रहा है. अफगानिस्तान के संघर्ष ने डॉक्टरों को कॉस्मेटिक सर्जरी के लिए ज़रुरी खास मेडिकल जानकारी मुहैया करवाई.

जो जानकारी पहले जले हुए लोगों का इलाज करने और गंभीर चोटों को ठीक करने के लिए इस्तेमाल होती थी, उसी जानकारी को अब डॉक्टर कॉस्मेटिक सर्जरी के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. और इस तरह की सर्जरी का बाज़ार भी लगातार बढ़ता जा रहा है. कॉस्मेटिक सर्जरी युवा अफगान लोगों के बीच खासी पसंद की जाती है.

बॉलीवुड स्टार जैसे

डॉक्टरों के पास महिलाएं अधिकतर चेहरे में सुधार, नाक के आकार ठीक करवाने और सर्जरी से मोटापा घटाने जैसी समस्याओं के लिए आती हैं जबकि युवा पुरुषों में नए बाल उगवाने की सबसे ज्यादा मांग है.

महिलाएं और पुरुष दोनों ही अक्सर किसी बॉलीवुड सितारे का फोटो दिखाकर किसी खास रूप की मांग करते हैं. जहां कॉस्मेटिक सर्जरी की मांग लगातार बढ़ती जा रही है वहीं आलोचकों का कहना है कि इससे जानकार डॉक्टरों की कमी हो रही है और कुछ डॉक्टर इसके लिए पूरी तरह से काबिल भी नहीं हैं.

काबुल के एक निजी अस्पताल में काम करने वाले डॉक्टर नजीबुल्लाह नजीब हर दिन लगभग दो से तीन मरीज़ देखते हैं. नजीबुल्लाह नजीब कहते हैं, “कई लड़कियां चीनी स्टाइल की भौं चाहती हैं, कई बार वो अपनी नाक की चौड़ाई या लंबाई से नाखुश होती हैं.”

शीबा 40 साल उम्र की गृहणी हैं और डॉक्टर नजीबुल्लाह की ग्राहक हैं. वो तीन कॉस्मेटिक सर्जरी करवा चुकी हैं. शीबा कहती हैं, “पहले मैंने अपने पेट से अतिरिक्त चर्बी घटवाई, फिर मैंने मेरे चेहरे के नीचे की झुर्रियां हटवाई और फिर मैंने अपने भौं अलग तरह से बनवाई.”

शीबा कहती हैं, “जब मैं हंसती थी तो मेरे चेहरी पर झुर्रियां दिखाई देती थी लेकिन अब मेरे दोस्त कहते हैं कि मैं 14 साल कम उम्र की लगती हूं. अब मुझे अपना शरीर बहुत पसंद है और मेरे शरीर पर कपड़े भी खूब फबते हैं.”

बुरे नतीजे भी

काबुल में कॉस्मेटिक सर्जरी करने वाले अधिकतर डॉक्टर ईरान और पाकिस्तान में ट्रेनिंग लेकर आते हैं. काबुल के कई इलाकों में आपको बेहतर रुप दिलाने का वादा करते पोस्टर दिख जाएंगे.

लेकिन ऐसा नहीं है कि सभी खुश हैं, कुछ लोग ऐसे भी हैं जिनको मनचाहे परिणाम नहीं मिले. शफ़ी ने अपने बाल उगवाए थे और उन्हें इसके बुरे परिणाम भुगतने पड़े हैं.

शफ़ी कहते हैं, “डॉक्टरों ने पहले मेरे सिर पर किसी तेल से मालिश की और फिर मेरे सिर पर नकली बाल लगा दिए. कुछ देर बार मुझे बड़ा सिरदर्द हुआ और मेरी आंखो में जलन होने लगी. मुझे समझ आ गया कि ये इलाज के साइड इफेक्ट हैं” इसके बाद उनको सिर से बाल हटवाने पड़े और उनके सिर का रंग भी बदल गया.



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