नई दिल्ली (पीटीआई)। भारत सरकार ने शनिवार को पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी में 3 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की है। इस तरह से Crude Oil की घटती कीमत का फायदा उपभोक्ताओं को उतना नहीं मिल पाएगा जितनी उम्मीद की गई थी। इस उद्योग से जुड़े एक कर्मचारी ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की खुदरा कीमतें कर के बदलावों से प्रभावित नहीं होंगी क्योंकि राज्य के स्वामित्व वाली तेल कंपनियों ने तेल की कीमतों में हालिया गिरावट और भविष्य में संभावित बढ़ोतरी के खिलाफ उन्हें एडजस्ट किया है। सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्स और कस्टम्स द्वारा जारी एक अधिसूचना के अनुसार, पेट्रोल के मामले में पेट्रोल पर विशेष उत्पाद शुल्क 2 रुपये से 8 रुपये प्रति लीटर और डीजल के मामले में 2 रुपये से 4 रुपये प्रति लीटर तक बढ़ाया गया है।
सरकार को होगा फायदा
इसके अलावा, सड़क उपकर को पेट्रोल और डीजल पर प्रत्येक 1 रुपये प्रति लीटर बढ़ाकर 10 रुपये कर दिया गया। इसके साथ, पेट्रोल पर उत्पाद शुल्क की कुल इन्सिडेन्स 22.98 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 18.83 रुपये हो गई है। बता दें कि 2014 में मोदी सरकार के सत्ता में आने पर पेट्रोल पर टैक्स 9.48 रुपये प्रति लीटर था और डीजल पर 3.56 रुपये प्रति लीटर था। अधिकारियों ने कहा कि उत्पाद शुल्क में वृद्धि से सरकार के राजस्व में लगभग 39,000 करोड़ रुपये की वार्षिक वृद्धि होगी। चालू वित्त वर्ष के शेष तीन सप्ताह के दौरान लाभ 2,000 करोड़ रुपये से कम होगा।
दिल्ली में ये है पेट्रोल और डीजल की कीमत
गौरतलब है कि दैनिक आधार पर बदलने वाली पेट्रोल और डीजल की कीमतें 13 पैसे और 16 पैसे कम हो गईं हैं क्योंकि तेल कंपनियों ने कीमतों में गिरावट के खिलाफ उत्पाद शुल्क वृद्धि को एडजस्ट किया है जो खाड़ी युद्ध के बाद से अंतरराष्ट्रीय दरों में सबसे अधिक गिरावट आई है। दिल्ली में अब पेट्रोल की कीमत 69.87 रुपये और डीजल की एक लीटर कीमत 62.58 रुपये है। सरकार ने नवंबर 2014 और जनवरी 2016 के बीच वैश्विक स्तर पर तेल की कीमतों में गिरावट से उत्पन्न लाभ को दूर करने के लिए पेट्रोल और डीजल पर नौ बार उत्पाद शुल्क लगाया था।
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