बक्सर/पटना (ब्यूरो)। वह कई वर्षो से पक्षाघात से पीडि़त थे। महाराज के पुत्र चंद्रविजय सिंह ने बताया कि सोमवार की सुबह बक्सर के चरित्रवन घाट पर उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। महाराजा के दो पुत्र चंद्रविजय सिंह और मानविजय सिंह हैं। परिजनों ने बताया कि शनिवार की रात भी दो बार हार्ट अटैक आया था।
शाहाबाद से चुने गए थे एमपी
केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण राज्यमंत्री सह बीजेपी एमपी अश्विनी कुमार चौबे ने शोक संवेदना व्यक्त करते हुए कहा कि उनके निधन के साथ ही एक स्वर्णिम और गौरवशाली अतीत का अंत हो गया। कमल सिंह आजादी के बाद पहले आम चुनाव में शाहाबाद से सांसद चुने गए। 1957 में दूसरे आम चुनाव में बक्सर संसदीय क्षेत्र अस्तित्व में आया और महाराज कमल सिंह को यहां की जनता ने अपना प्रतिनिधि चुनकर लोकसभा भेजा। महाराज के पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी से घनिष्ठ संबंध थे ।
क्षेत्र के विकास में विशेष योगदान
स्वतंत्रता के बाद शाहाबाद में शिक्षा और सामाजिक विकास में इनका अहम योगदान रहा। पुराने शाहाबाद जिला (अब बक्सर, सासाराम, भोजपुर, कैमूर) के अलावा उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में इन्होंने शिक्षा एवं स्वास्थ्य क्षेत्र में विकास के लिए जमीन और संसाधन दान किया। बक्सर के प्रतापसागर स्थित टीबी अस्पताल, डुमरांव राज अस्पताल, नगर के दो बालिका विद्यालय समेत आरा का महाराजा कॉलेज, एचडी जैन कॉलेज समेत दर्जनों स्कूल, अस्पताल आदि डुमरांव महाराज की देन हैं।
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