टोक्यो (एपी)। किशिदा पार्टी के नेता व प्रधानमंत्री योशीहिदे सुगा का स्थान लेंगे। सुगा एक साल के कम अंतराल के बाद ही इस पद से विदा ले रहे हैं। लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी के तौर पर किशिदा सोमवार को संसद में प्रधानमंत्री के तौर पर चुने जाएंगे। इनकी पार्टी तथा उनके सहयोगियों का दोनों सदनों में बहुमत है।
जापान के भविष्य से संबंधित मुद्दे उनकी प्राथमिकता
अपने जीत के भाषण में किशिदा ने कहा कि वे राष्ट्रीय संकट जिसमेंं कोविड-19 की मार से लड़खड़ाई अर्थव्यवस्था, गिरती जनसंख्या तथा जन्मदर की समस्याओं का समाधान निकालने की कोशिश करेंगे। वे मुक्त प्रशांत एशिया के दृष्टिकोण को अपना कर जापान के भविष्य से संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों को अंजाम तक आगे ले जाने की कोशिश करेंगे।
किशिदा को दूसरे राउंड में बड़ी जीत
पहले राउंड में किशिदा ने लोकप्रिय वैक्सीन मंत्री तारो कोनो से केवल एक वोट से आगे चल रहे थे। उनके अलावा बाकी चारों उम्मीदवारों जिनमें दो महिलाएं भी शामिल थीं, उनमें से कोई भी बहुमत के लिए वोट नहीं पा सके। दूसरे राउंड में किशिदा ने 257-170 वोट से आगे निकल कर जीत हासिल कर लिया।
बढ़ते संक्रमण के बावजूद ओलंपिक आयोजन से गुस्सा
किशिदा पर पार्टी की प्रतिष्ठा को बचाने का बड़ा दबाव है, जिसे सुगा की वजह से काफी धक्का पहुंचा है। खासकर महामारी के दौर में संक्रमण बढ़ने के बावजूद जिस तरह से टोक्यो ओलंपिक का आयोजन हुआ। इस आयोजन से पब्लिक में बड़ा गुस्सा है। अगले दो महीनों में निचले सदन का चुनाव होना है। ऐसे में लंबे समय से सत्ताधारी पार्टी को बदलाव की जरूरत महसूस हो रही थी।
चीन के क्षेत्रीय तनाव में किशिदा का स्टैंड आया काम
64 वर्षीय पूर्व विदेश मंत्री को दुविधा में डालने वाला उदारवादी के तौर पर देखा जाता था। हालांकि बाद में उन्होंने खुद को सुरक्षा तथा कूटनीतिक के रूप से खुद को नेता के रूप उभारा तथा पार्टी चुनाव में जीत के लिए समर्थन हासिल कर लिया। किशिदा को जापान की रक्षा क्षमता को बढ़ाने वाले के रूप में जाना जाता है। चीन-ताइवान तथा चीन-हांगकांग तनाव में जापान ने अपना स्टैंड जिस तरह दिखाया उससे किशिदा का नेतृत्व सामने आया।
जापानियों को सुनने की क्षमता है किशिदा में
किशिदा ने कहा कि वे पिछले कई सालों से मतदाताओं को सुनते आ रहे हैं कि उन्हें अनदेखा किया गया है। उन्होंने कहा कि हमारा लोकतंत्र संकट में है। उनका कहना था कि उनमें लोगों को सुनने की विशेष क्षमता है। वे जापानियों को साथ में लेकर आगे ले जाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध हैं। वे जापानियों के अच्छे भविष्य के लिए पूरी ताकत से काम करेंगे।
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