ह्यड्डठ्ठड्डद्व.ह्यद्बठ्ठद्दद्ध@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ
छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: लौहनगरी में अब छेड़खानी का तरीका भी बदलते जमाने के साथ बदल चुका है. सोशल मीडिया पर लोग सबसे ज्यादा वक्त गुजार रहे हैं, जिससे सोशल मीडिया पर छेड़खानी के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं. आए दिन साइबर थाने में सोशल मीडिया पर छेड़खानी के मामले पहुंच रहे हैं. बदलते परिवेश के साथ सोशल मीडिया के जरिए युवतियां इसकी शिकार हो रही हैं. इनमें ज्यादातर युवतियां स्कूल और कॉलेजों में पढ़ने वाली हैं. जमशेदपुर महिला थाने से मिले आंकड़ों के मुताबिक साल 2019 में 17 मई तक सोशल मीडिया पर छेड़खानी की 19 शिकायतें दर्ज की गई हैं. आंकड़ों की मानें तो सोशल मीडिया के जरिए 2019 में करीब 20 फीसदी घरेलू महिलाएं और 33 फीसदी स्कूली छात्राएं छेड़छाड़ का शिकार हुई हैं. हालांकि 2018 में करीब 54 मामले दर्ज किए गए, जिनमें फेसबुक और व्हाट्सएप्प से हुई छेड़छाड़ में करीब 10 मामले दर्ज किए गए थे.
आंकड़े दे रहे गवाही
सोशल मीडिया पर छेड़छाड़ के बढ़ते मामलों को रोकने में पुलिस की सुस्ती साफ दिखाई पड़ती है. आंकड़ों पर नजर डालें तो वर्ष 2018 में दर्ज किए गए अधिकतर मामले साइबर पुलिस द्वारा सुलझाए नहीं गए हैं. वर्ष 2018 में सोशल मीडिया पर छेड़छाड़ के 54 शिकायत दर्ज किए गए, जिनमें साइबर थाना एक दो अभियुक्तों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की. वहीं, वर्ष 2019 तक सोशल मीडिया पर छेड़छाड़ के 17 मई तक 19 मामले महिला थाना में दर्ज किए गए.
हेल्फलाइन से शिकायत
महिला थाना में फेसबुक और व्हाट्सएप्प के जरिए छेड़खानी की हर महीने पांच से छह शिकायतें आ रही हैं. अधिकतर लड़कियां थाना के हेल्पलाइन नंबर पर कंप्लेन कर रही हैं. जहां वो अपनी आइडेंटिटी छुपाए रखने की दरख्वास्त भी कर रही हैं. इनमें वर्किंग गर्ल्स से लेकर स्कूल-कॉलेज जाने वाली लड़कियां शिकार बन रही हैं.
मिलती है सजा
साइबर एक्सपर्ट्स ने बताया कि ऐसे मामलों में आरोपी के खिलाफ आइटी एक्ट और आइपीसी की धारा 354 के तहत एफआईआर दर्ज कराई जा सकती है. साइबर क्राइम के तहत मामले को रखा जाता है. कई बार क्रइम के नेचर को देखने के बाद एक्ट भी बदलता है, लेकिन आरोपी अगर लड़की को बदनाम करता है या उसके एमएमएस सर्कुलेट करता है या धमकी देता है, तो उसे सजा जरूर मिलती है.
व्हाट्सएप्प पर रहें सावधान
-व्हाट्सएप्प के लिए प्राइवेट नंबर का यूज करें.
- यदि प्रोफेशनली व्हाट्सएप्प का यूज करना हो, तो अपने जाननेवालों या क्लोज ग्रुप से ही अटैच हों.
- खासकर लड़कियां और महिलाएं अपनी प्राइवेसी सेटिंग का इस्तेमाल जरूर करें, ताकि लास्ट सीन, प्रोफाइल पिक्चर और मैसेज सुरक्षित रखा जा सके.
- अपने प्रोफाइल पिक्चर को सिर्फ कांटेक्ट के लिए अवेलेबल रखें.
- अपने व्हाट्सएप्प नंबर को विश्वसनीय लोगों के बीच ही शेयर करें.
- अगर अनजान नंबर से वल्गर टेक्स्ट या इमेज आए, तो उसे तुरंत रिपोर्ट स्पैम या ब्लॉक करें.
- व्हाट्सएप्प के जरिए धमकी आए, कॉल या डिटेल्स के साथ छेड़खानी हो, तो संबंधित थाने में जरूर शिकायत करें.
सोशल साइट पर इससे बचें
-सोशल साइट पर किसी अंजान युवक और युवती से दोस्ती न करें.
-सोशल साइट पर अपने दोस्तों की सूची कम से कम रखें.
-अनावश्यक सोशल साइट का इस्तेमाल नहीं करें.
नंबर गेम
सोशल मीडिया के छेड़खानी के मामले
-2018 - 54
-2019 (17 मई तक)- 19
- छेड़खानी की शिकार 20 फीसद घरेलू महिलाए होती हैं.
- छेड़खानी का शिकार 30 फीसद स्कूल छात्राएं होती हैं.
सोशल मीडिया के जरिए छेड़छाड़ और शोषण के मामलों पर जमशेदपुर पुलिस तत्काल प्राथमिकी दर्ज करती है. बैंक फ्रॉड, व्हाट्सएप्प, फेसबुक जैसे सभी मामलों में प्राथमिकी दर्ज कर अनुसंधान करने के बाद तुरंत कार्रवाई की जाती है.
-प्रभात कुमार, सिटी एसपी, जमशेदपुर