कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। ऐतिहासिक वेम्बली स्टेडियम में यूरो 2020 फाइनल में एक नाटकीय पेनल्टी शूटआउट में मेजबान इंग्लैंड को हराकर इटली 53 साल के अंतराल के बाद यूरोपीय फुटबॉल चैंपियन बन गया। इटली ने 1968 में अपना पहला यूरो खिताब जीता था और उन्होंने अपना दूसरा खिताब तब जीता जब गोलकीपर डोनारुम्मा ने इंग्लैंड के 19 वर्षीय बुकायो साका के गोल को पोस्ट में जाने से रोक दिया। इसके बाद जोर्गिन्हो ने आखिरी इतालवी किक मिस कर दी थी, तो पेनल्टी शूट आउट 3- 2 रहा और परिणाम इटली के पक्ष में रहा।

पहले 1-1 की बराबरी
महामारी के बावजूद 60,000 प्रशंसकों के सामने खेलते हुए, इटली ने खेल में जबरदस्त वापसी की और मुकाबला 1-1 की बराबरी की जिसके बाद पेनाल्टी शूटआउट खेला गया।इससे पहले, इंग्लैंड ने शुरुआती बढ़त हासिल की जब डिफेंडर ल्यूक शॉ ने एक मिनट और 57 वें सेकंड में गोल किया, यह यूरो फाइनल का अब तक का सबसे तेज गोल था।

फिर पेनाल्टी शूटआउट में इटली ने मारी बाजी
इटली ने दूसरे हाफ के बीच में ही बराबरी कर ली जब डिफेंडर लियोनार्डो बोनुची ने 67वें मिनट में गोल किया। जिसके बाद मैच 1-1 की बराबरी पर आ गया था। जिसके बाद दोनों टीमों ने काफी मशक्कत की मगर मैच पेनाल्टी शूटआउट में चला गया जहां इटली ने बाजी मारी।

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