कांटे के इस मुक़ाबले में वो लोग थोड़ा पीछे रह गए जो ब्रिटेन के यूरोपीय संघ के साथ रहने के पक्ष में थे। 48 प्रतिशत मतदाताओं ने यूरोपीय संघ के पक्ष में वोट दिया।
पूर्वोत्तर इंग्लैंड, वेल्स और मिडलैंड्स में अधिकतर मतदाताओं ने यूरोपीय संघ से अलग होना पसंद किया है जबकि लंदन, स्कॉटलैंड और नॉर्दन आयरलैंड के ज्यादातर मतदाता यूरोपीय संघ के साथ ही रहना चाहते थे।
रायशुमारी के नतीजों से पाउंड लड़खड़ाया है। नतीजे आने से पहले पाउंड 1।50 डॉलर पर चल रहा था। लेकिन जब नतीजों का रुझान यूरोपीय यूनियन से अलग होने के पक्ष में दिखने लगा तो पाउंड 1।41 डॉलर पर आ गया।
कारोबारियों का कहना है कि वर्ष 2008 के आर्थिक संकट के बाद ये पहला मौका है जब उन्होंने पाउंड को इस तरह बदलते देखा है।
बीबीसी के राजनीतिक मामलों के संवाददाता का कहना है कि जनमत संग्रह के नतीजे का ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था और राजनीति पर नाटकीय असर हो सकता है। उनका ये भी कहना है कि ये असर यूरोप और अन्य देशों को भी अपने दायरे में ले सकता है।
मुंबई में बीबीसी बिज़नेस रिपोर्टर समीर हाशमी का कहना है कि ब्रिटेन के यूरोपीय संघ से बाहर होने का भारतीय व्यापार पर सीधा असर पड़ेगा।
उनका कहना है कि भारत का ब्रिटेन और यूरोपीय संघ दोनों के साथ कारोबारी संबंध हैं जो आने वाले दिनों में प्रभावित होंगे।
भारत के वित्त सचिव अशोक लवासा ने इस घटनाक्रम पर कहा है कि सरकार और रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया उपायों के साथ तैयार हैं।
International News inextlive from World News Desk