कानपुर (इंटरनेट डेस्क)। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन यानी EPFO नें अपने सभी पीएफ खाताधारकों के पीएफ अकांउट को लेकर नया नियम पेश किया है। EPFO ने ये नया नियम पीएफ अकांउट रखने वाले यूजर्स की पर्सनल डीटेल को सही करने के लिए जारी किया है। इसके तहत ईपीएफओ ने नेम,डेट आफ बर्थ जैसी जानकारी को ठीक करने के लिए नई मानक संचालन प्रक्रिया यानी एसओपी गाइडलाइन जारी की है।इस नए नियम के तहत यूएएन प्रोफाइल में अपडेट या सुधार के लिए दस्तावेज देने होंगे। इसके साथ ही यूजर्स को डिक्लेरेशन भी देना होगा।
क्या कहा EPFO ने
EPFO ने अपनी गाइडलाइन में कहा कि अक्सर देखा जाता है कि कई तरह की गलतियां सुधारने के लिए लोगों को बड़ी कठिनाई का सामना करना पड़ता है। यह गलती डेटा अपडेट नहीं होने के कारण होती है। इस परेशानी से बचने के लिए ही ये गाइडलाइन पेश की गई है।
मेजर और माइनर बदलाव
EPFO की नई गाइडलाइन के मुताबिक प्रोफाइल में होने वाले बदलाव अब दो कैटेगरी में होंगे-पहली मेजर कैटेगरी और दूसरी माइनर कैटेगरी। माइनर बदलावों के लिए संयुक्त रिक्वेस्ट के साथ कम से कम दो जरूरी डाक्यूमेंट्स पेश करने होंगे। इसके साथ ही बड़े यानी मेजर बदलावों के लिए आपको तीन जरूरी डाक्यूमेंट्स सबमिट करने पड़ेंगे। किसी भी तरह की गड़बड़ी से बचने के लिए फील्ड कार्यालयों को सदस्यों की प्रोफाइल अपडेट करने में सावधानी बरतने को कहा गया है। आपको बता दें कि आधार से जुड़े बदलावों के लिए आधार या एक्टिव मोबाइल नंबर से जुड़ा ई-आधार कार्ड काफी है।
कितने डाक्यूमेंट्स की जरूरत
अगर आपकी प्रोफाइल में कोई छोटा बदलाव होना है तो डाक्यूमेंट्स की लिस्ट में से आपको दो डाक्यूमेंट्स की जरूरत पड़ेगी।
प्रोफाइल में बड़े बदलाव के लिए डाक्यूमेंट्स की लिस्ट में से तीन डाक्यूमेंट्स का होना जरूरी है।
इस बात का रखें ध्यान
आपको बता दें कि EPFO के सदस्यों के पास सदस्य ई-सर्विस पोर्टल के माध्यम से सुधार के लिए संयुक्त डिक्लेरेशन की जरूरत है। इसके साथ ही ये ध्यान रखना जरूरी है कि सुधार केवल वर्तमान नियोक्ता की ओर से मैनेज किए जा रहे ईपीएफ अकांउट से संबधित डेटा में ही किए जा सकते हैं। EPFO का कहना है कि रजिस्टर्ड पोर्टल लॉगिन से जेडी आवेदन जमा करने की जिम्मेदारी सदस्यों की होगी।
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