मुख्यमंत्री कार्यालय करेगा मॉनिटरिंग
इस पोर्टल के बनने से उद्यमियों को विभिन्न विभागों द्वारा मिलने वाली रियायतें और परमिशन के लिए दफ्तरों का चक्कर नहीं लगाना होगा, ना ही अफसरों को फाइल इधर से उधर भेजकर स्वीकृतियां लेनी होगी। अब उन्हें इसके लिए सीधे ऑनलाइन क्लीयरेंस मिलेगी। सूत्रों की मानें तो यह पोर्टल उद्योग विभाग द्वारा तैयार कराया जा रहा है जबकि इसकी मॉनिटरिंग मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा की जाएगी। दरअसल अभी तक प्रचलित व्यवस्था के अनुसार निवेशकों को रियायतें मिलने में लंबा वक्त लगता था। राज्य सरकार ने हाल ही में जो नीतियां बनाई हैं उनमें निवेशकों को जमीन में रजिस्ट्री में छूट से लेकर मजदूरों के पीएफ के अंशदान का भुगतान और जीएसटी का समायोजन किया जाना है। ध्यान रहे कि इंवेस्टर्स समिट के दौरान यूपी सरकार ने उद्यमियों के साथ करीब पांच लाख करोड़ रुपये के 1200 से ज्यादा एमओयू साइन किए हैं जिसके बाद निवेश मित्र पोर्टल पर इससे जुड़ी तमाम जानकारियों, रियायतों और परमिशन के लिए आवेदन आने लगे हैं।
पांच अप्रैल को खुलेगी फाइनेंशियल बिड
राज्य सरकार ने कंपनियों की प्रोफाइलिंग का काम भी शुरू कर दिया है। उद्यमियों को इसमें कोई समस्या न हो, इसके लिए राज्य सरकार ने नया पोर्टल विकसित करने का निर्णय लिया है। हालांकि उद्यमियों के लिए फायर डिपार्टमेंट और पर्यावरण महकमे से जुड़ी एनओसी लेने में अभी खासी दिक्कतें हैं जिनका समाधान निकालने का प्रयास चल रहा है। वहीं दूसरी ओर पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का निर्माण करने के लिए किन कंपनियों का चयन किया जाना है, यह पांच अप्रैल को तय होगा। दरअसल पहले 28 मार्च को फाइनेंशियल बिड खुलनी थी जिसे अब पांच अप्रैल कर दिया गया है। फाइनेंशियल बिड खुलने के बाद चयनित कंपनियों से एग्रीमेंट किया जाएगा जिसके बाद पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।
एक्प्रसेस वे बनाने में 80 से ज्यादा बिड आई
मालूम हो कि एक्प्रसेस वे बनाने में 80 से ज्यादा बिड आई हैं जिनमें एफकॉन इंफ्रास्ट्रक्चर, , पीएनसी इंफ्रास्ट्रक्चर, रिलायंस, एप्को इंफ्राटेक, अशोका बिल्डकॉन, बीएससीपीएल, गायत्री प्रॉजेक्ट्स, केएनआर कंस्ट्रक्शंस, एलएंडटी, एनसीसी लिमिटेड, ओरिएंटल स्ट्रक्चरल इंजिनियरिंग और सद्भाव इंजीनियरिंग ने सभी आठ पैकेज बनाने की इच्छा जताई है। वहीं राज्य सरकार अब तक 90 फीसद भूमि का अधिग्रहण कर चुकी है। राज्य सरकार ने वर्तमान बजट में एक्सप्रेस वे के लिए एक हजार करोड़ की व्यवस्था की है। एक्सप्रेस वे के निर्माण की मॉनिटरिंग के लिए यूपीडा एक कंपनी भी तैनात करेगा। इसके लिए टेंडर भी जारी हो चुका है। इसका टेंडर भी पांच अप्रैल को ही खोला जाएगा।
निजीकरण के विरोध में प्रदेशव्यापी कार्य बहिष्कार, आज फॉल्ट हुआ तो सुधरेगा शाम 5 बजे के बाद
National News inextlive from India News Desk