अपने खाने में ये कुछ खास चीजें शामिल करें और चाहे घर में पकायें या बाहर खाने जाएं दोनों जगह ही आपको सेहत से समझौता नहीं करना पड़ेगा। जैसे अपने खाने में लाला राजमा शामिल करें। इससे आप चाहें भिगोयें या ब्वॉयल करें और मसालेदार ग्रिल कॉर्न के साथ सलाद की तरह खायें या फिर हर्बल मसालों के साथ सब्जी बना कर खायें। आपको अपनी सेहत को नजरअंदाज नहीं करना पड़ेगा ये बेहद टेस्टी भी होते हें। रेड मीट की जगह रेड बींस बिना शक शानदार आप्शन है। इससे डायबटीज, ओबेसिटी और कैंसर सबसे बचाव होता है।  

इसी तरह अगर आप रेग्युलर डेयरी बटर की जगह आर्टरी फ्रेंडली नट बटर का प्रयोग करें तो आपको टेस्ट में तो फायदा होगा ही साथ में हैल्थ भी बेहतर होगी। इसके इस्तेमाल से आप सेचुरेटेड फैट से होने वाले नुकसान से तो बचेंगे ही, एक्स्ट्रा फैट और कैलोरीज भी गेन नहीं करेंगे। आपको नट बटर से विटामिन ई, फाइबर, प्रोटीन और मैग्नीशियम भी मिलता है।

अगर आप अपने खाने में फ्रेश या फ्रोजन सब्जियों और फलों का इस्तेमाल करें और इन्हें तलें भूनें नहीं बल्कि ऐसे ही खायें तो आपको बहुत सारी हेल्थ प्राब्लम से छूटकारा मिल सकता है। अपने एक टाइम के खाने में बेबी कुकुंबर, कॉर्न, कटे हुए टमाटर और पीली मिर्च का इस्तेमाल करें तो आपको टेस्ट तो आएगा ही साथ ही ब्लड प्रेशर और हार्ट डिसीज जैसी समस्याओं से भी छुटकारा मिलेगा। एक बात और जरूरी है कि अपना डाइट प्लान अवश्य बनायें। साथ ही किसी भी आर्टिफीशियल ड्रिंक के स्थान पर पानी और फ्रेंश नींबू पानी का ही यूज करें। 

Halthy eating

चिड़िया की तरह खायें, इसका ये मतलब नहीं है कि चिड़िया जितना कम खायें बल्कि उसकी तरह थोड़ा थोड़ा कई बार खायें। एक साथ हैवी फूड स्टफ करने से फैट बढ़ता है पर कई बार में थोड़ा थोड़ा खाने से आप अपनी पसंद का खाना भी खा सकते हैं और सेहत को भी नुकसान नहीं होगा।  
 
अच्छी सेहत के लिए आपको स्पाइसेज को छोड़ने की जरूरत नहीं है बल्कि सही मसालों के इस्तेमाल की जरूरत है। देसी और ताजे मसाले आराम से खायें। यानि अगर मसाले छह महीने से ज्यादा पुराने हो गए हैं तो उन्हें हटा कर नए फ्रेश मसाले इस्तेमाल करें। सारे देसी मसाले जैसे जायफल, लाल मिर्च, धनिया और दालचीनी आराम से खायें इससे आपकी सेहत को कोई नुकसान नहीं होगा।

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