कानपुर। चुनावी माहौल में पीएम नरेंद्र मोदी की बायोपिक फिल्म की रिलीज खतरे में दिख रही है। पहले भी इतनी कानट्रोवर्सी के चलते फिल्म की रिलीज डेट बदली जा चुकी है। वहीं तारीख बदलने पर भी फिल्ममकेर्स को आराम नहीं है। फिल्म पहले 12 अप्रैल को रिलीज होने जा रही थी लोकसभा चुनाव के पहले चरण के चुनाव के अगले दिन। वहीं इसे विपक्षी पार्टीयों और अन्य ने आचार संहिता से जोड़ कर देखना शुरु कर दिया और निर्वाचन आयोग से इसकी शिकायत की। इसके चलते फिल्म को अपनी रिलीज डेट में बदलाव करना पड़ा। फिर फिल्म को 5 अप्रैल की रिलीज डेट मिली। अब दोबारा इसकी रिलीज पर काले बादल मंडराना शुरु हो गए हैं।
निर्वाचन आयोग ने शाम भेजा ये नोटिस
वहीं निर्वाचन आयोग ने 26 मार्च की शाम पीएम नरेंद्र मोदी के 4 मेकर्स को नोटिस भेजा। दरअसल कांग्रेस और सीपीएम पार्टियों ने इलेक्शन कमीशन से फिल्म की रिलीज को लेकर शिकायत की थी। उन्होंने कहा था, 'ये फिल्म पाॅलिटिकल मुद्दों को नजर में रख कर ऐसे समय पर जानबूझ कर रिलीज की जा रही है ताकि भाजपा को इसका फायदा मिल सके।' वहीं चुनाव आयोग ने दो नामी अखबारों को भी नोटिस भेजा था। दरअसल उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी का पोस्टर 20 मार्च को छापा था। इससे साफ जाहिर है फिल्म के किसी भी तरह के प्रमोशन को निर्वाचन आयोग पार्टी के प्रमोशन से जोड़ कर देख रहा है।
पूर्व इलेक्शन कमिश्नर ने कही ये बात
वहीं पूर्व इलेक्शन कमीश्नर ने इस मुद्दे पर फिल्म की रिलीज डेट बदलने से पहले एक बड़ा बयान दिया था। उन्होंने कहा, 'आप फिल्म को बैन नहीं कर सकते क्योंकि इसे किसी पाॅलिटिकल पार्टी ने नहीं बनाया है। हालांकि पार्टी के कई सदस्य फिल्म का खुल कर समर्थन कर रहे हैं जिसमें महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस और अमित शाह शामिल हैं। मालूम हो फिल्म के एक कार्यक्रम में ये दोनों शामिल भी होने वाले थे। वहीं पार्टी अप्रत्यक्ष रूप से फिल्म से जुड़ी हुई है।' वहीं अब इस फिल्म का क्या होगा ये तो चुनाव आयोग के भरोसे है।
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