मॉस्को (रॉयटर)। Russia University Firing: रूस के पर्म शहर में एक यूनीवर्सिटी के छात्र ने कैंपस में अंधाधुंध फायरिंग कर 8 लोगों की मौत की नींद सुला दिया। यहां के कानूनी विभाग द्वारा बताया गया है कि इस हमले में कई लोग घायल भी हुए हैं। रूस की राजधानी मॉस्को से करीब 1300 किलोमीटर दूर मौजूद पर्म स्टेट यूनीवर्सिटी कैंपस में एक बंदूकधारी द्वारा इस घटना को अंजाम दिया गया है। फायरिंग के फौरन बाद हममलावर ने खुद भी गोली मारकर आत्महत्या कर ली है। यह जानकारी यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता नतालिया पेचिश्चेवा ने बताई है। इस हमले के बाद घटना की फुटेज में हमलावर की डेडबॉडी जमीन पर पड़ी नजर आई।
अंधाधुंध फायरिंग के बीच जान बचाने को बिल्डिंग से कूदे छात्र
रूस में हुई इस दर्दनाक घटना से जुड़े कुछ मीडिया फुटेज में यह साफ देखा गया कि जब कैंपस में फायरिंग हो रही थी, तो तमाम छात्र-छात्राएं जान बचाने के लिए पहली मंजिल से बड़ी मुश्किल से जमीन पर कूद रहे थे, ताकि वो सुरक्षित स्थान पर जा सकें। यही नहीं फायरिंग कर रहे हमलावर से खुद को बचाने के लिए स्टूडेंट्स ने अपने क्लासरूम्स के दरवाजों को कुर्सियां अड़ाकर बंद करने की भी कोशिश की थी।
#BREAKING: Shooting reported at Russian university, harrowing footage shows students jumping out of windows to escape gunman
— RT (@RT_com) September 20, 2021
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यूनीवर्सिटी के छात्र ने ही मचाया मौत का तांडव
यहां बड़े अपराधों की जांच करने वाली कमेटी के मुताबिक हमलावर व्यक्ति की यूनीवर्सिटी की ही एक छात्र बताया जा रहा है। यहीं के एक छात्र शिमोन कायाकिन ने रॉयटर्स को बताया, कि "क्लास में लगभग 60 लोग थे। हमने दरवाजा बंद कर दिया और कुर्सियों से बैरिकेडिंग कर दी।" स्थानीय मीडिया ने बंदूकधारी की पहचान एक 18 वर्षीय छात्र के रूप में की है, जिसने घटना को अंजाम देने से पहले एक राइफल, हेलमेट और गोला-बारूद के साथ खुद की एक तस्वीर सोशल मीडिया पोस्ट की थी। हमलावर ने अपनी सोशल मीडिया पोस्ट पर कहा था, "मैंने इस बारे में लंबे समय से सोचा है, कई साल हो गए हैं और मुझे एहसास हुआ कि मैंने जो सपना देखा था, उसे पूरा करने का समय आ गया है। घटना के बाद इस हमलावर का सोशल मीडिया अकाउंट बंद कर दिया गया है।
रूस ने बंदूक रखने की उम्र बढ़ाई, लेकिन कानून अभी तक लागू नहीं
छात्र शिमोन के मुताबिक हमलावर छात्र के काम का राजनीति या धर्म से कोई लेना-देना नहीं था, लेकिन वो लोगों के प्रति नफरत से भरा था। रूस में नागरिक द्वारा बन्दूक रखने पर सख्त प्रतिबंध हैं, लेकिन कुछ श्रेणियों की बंदूकें शिकार, आत्मरक्षा या खेल पर्पस से खरीद के लिए उपलब्ध हैं। अगर व्यक्ति इससे जरूरी टेस्ट पास कर लेता है तो वो ऐसी बंदूक खरीद सकता है। बता दें कि खुलेआफ फायरिंग की कड़ी में एक सबसे ताजा घटना है। इससे पहले साल की शुरुआत में मई में कज़ान शहर के एक स्कूल में एक अकेले रहे रहे किशोर बंदूकधारी ने ऐसे ही खुलेआम फायरिंग करके नौ लोगों को मार डाला था और उस घटना में कई अन्य घायल हो गए थे। कज़ान गोलीबारी के बाद रूस ने बंदूक खरीदने की कानूनी उम्र 18 से बढ़ाकर 21 कर दी, लेकिन नया कानून अभी तक लागू नहीं हुआ है।
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