कानपुर। फ्रांस की राजधानी पैरिस के शैम्प-दे-मार्स में स्थित एफिल टावर दुनिया के सात अजूबों में शुमार है। यह लौह टावर दुनिया के सबसे आकर्षित निर्माणों में से एक और फ्रांस की संस्कृति का प्रतीक है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, 26 जनवरी, 1887 को पेरिस में एफिल टॉवर की नींव रखी गयी थी और 1887 से 1889 के बीच इसका निर्माण हुआ था। इस टावर की ऊँचाई 324 मीटर है और जब यह बनकर तैयार हुआ था, उस वक्त यह दुनिया की सबसे ऊँची इमारत थी। बता दें कि इस टावर का डिजाइन अलेक्जेंडर-गुस्ताव एफिल ने किया था और खास बात यह है कि इन्हीं के नाम पर इसका नाम भी रखा गया था। आज यानी कि 15 दिसंबर को इसे बनाने वाले गुस्ताव एफिल का जन्मदिन है। इस मौके पर हम उनके बारे में कुछ बातें बताएंगे।
अपनी ही चीज से जलन
ब्रिटेनिका के मुताबिक, गुस्ताव एफिल का जन्म 15 दिसंबर, 1832 को फ्रांस के डिजॉन में हुआ था। उन्होंने 1855 में आर्ट और मैन्युफैक्चरिंग कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के बाद मेटल कंस्ट्रक्शन विशेष रूप से पुलों में विशेषज्ञता हासिल की। उन्होंने पहले 1858 में बोर्डेक्स में बने लोहे के पुल का निर्माण किया, इसके बाद उन्होंने दुनिया में कई ऐसी इमारतें और ब्रिज डिजाइन की, जिसके लिए उन्हें खूब सराहा गया। वह ब्रिज बनाने के काम में कंप्रेस्ड-एयर कैसन्स को रोजगार देने वाले पहले इंजीनियरों में से एक थे। उन्होंने नीस में घूमने वाली डोम आकार की वेधशाला और न्यूयॉर्क में स्टेचू ऑफ लिबर्टी का फ्रेमवर्क भी डिजाइन किया था। कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में ऐसा कहा जाता है कि उन्हें अपनी ही बनाई एफिल टावर से जलन होने लगा था क्योंकि ये दुनिया में उनसे ज्यादा फेमस हो गया था।
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