वकीलों का कहना है कि जिन 683 लोगों को ये सज़ा सुनाई गई है उसमें मुस्लिम ब्रदरहुड के नेता मोहम्मद बदी भी शामिल हैं.
बदी और अन्य पर 2013 में मीन्या में एक पुलिस स्टेशन पर हमला करने का आरोप है. जिसमें एक पुलिसकर्मी मारा गया था.
ये सभी पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी के समर्थक हैं.
मामले और सुनवाई की गति की मानवाधिकार संगठनों और संयुक्त राष्ट्र ने आलोचना की है .
मानवाधिकार वॉच के अनुसार, प्रत्येक पर सुनवाई में कुछ घंटे का वक़्त ही दिया गया और अदालत ने उनके मामले पेश करने से बचाव पक्ष के वकीलों को रोका.
संवाददाताओं ने कहा कि अदालत के बाहर इंतज़ार कर रही कई महिलाएँ फ़ैसले के बाद बेहोश हो गयी.
पिछले महीने संयुक्त राष्ट्र मानव अधिकार आयुक्त ने दो सुनवाइयों की निंदा की और कहा कि अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानून का उल्लंघन किया गया है.
पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद मुर्सी को सेना के द्वारा जुलाई में सत्ता से हटाए जाने के बाद सैकड़ों मारे जा चुके हैं और सैकड़ों की गिरफ़्तारी हो चुकी हैं.
इसी अदालत ने पिछले साल 529 लोगों को दी गई फांसी की सज़ा में से 492 को उम्र क़ैद में बदल दिया.
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