इस बीच राजधानी काहिरा में मुस्लिम ब्रदरहुड के 200 से ज़्यादा समर्थकों को गिरफ़्तार कर लिया गया है. काहिरा से सर्वाधिक करीब 40 लोगों की मौत हुई है.
एक तरफ़ मिस्र में सेना समर्थित सरकार 1973 के अरब-इसराइली युद्ध की 40वीं वर्षगाँठ मना रही थी, तो दूसरी ओर मोर्सी के समर्थक विभिन्न शहरों में रैलियाँ निकाल रहे थे.
सेना की नीति
उधर, अरब-इसराइली युद्ध की 40वीं वर्षगाँठ को जश्न मनाने के लिए काहिरा के तहरीर चौक पर सैकड़ों लोग जमा हुए थे. इस मौके पर सेना ने मिलिट्री परेड का आयोजन किया था. इस अवसर पर प्रदर्शन में सैन्य साजो-सामान की भव्य झाँकी निकाली गई. वायु सेना के हवाई जहाज़ों और हेलीकॉप्टरों ने हवा में विभिन्न करतब दिखाए.
वहाँ मौजूद लोगों ने तालियां बजाकर फ्लाईपास्ट का स्वागत किया. इनमें से बहुत से लोग अपने हाथों में सेना प्रमुख जनरल अब्दल फ़तह अल सीसी के पोस्टर लिए हुए थे. कई लोग जनरल सीसी को देश के अगले राष्ट्रपति के रूप में देखना चाहते हैं.
काहिरा में मौजूद बीबीसी संवाददाता क्वेंटिन समरविल के मुताबिक सैकड़ों मोर्सी समर्थकों ने भी इस अवसर पर तहरीर चौक पहुँचने की कोशिश की. वो सैन्य प्रमुख जनरल क्लिक करें अब्दल फतह अल-सीसी को हत्यारा बताने वाले नारे लगा रहे थे
एकता की अपील
सैनिकों ने मोर्सी समर्थकों को रोकने के लिए आँसू गैस के गोले छोड़े और हवा में गोलियाँ चलाईं.
बीबीसी संवाददाता के अनुसार इस दौरान शहर के संपन्न दोक्की इलाके में कई प्रदर्शनकारियों को गोलियाँ लगीं. इसके बाद प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाबलों पर पत्थरों से हमला किया.
मिस्र की सरकारी समाचार एजेंसी मेना के मुताबिक़ गृह मंत्रालय ने प्रदर्शनकारियों के ख़िलाफ़ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी पहले ही दे दी थी.
टीवी पर दिए राष्ट्र के नाम संदेश में प्रधानमंत्री हाज़ेम बेबलावी ने इसे देश के लिए मुश्किल वक्त बताते हुए मिस्र वासिओं से एकता बनाए रखने और भविष्य के प्रति आशावान बने रहने की अपील की.
स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक़ काहिरा में हुई मौतों के अलावा काहिरा से क़रीब तीन सौ किलोमीटर दूर स्थित देल्गा शहर में एक व्यक्ति की और काहिरा से करीब 80 किलोमीटर दूर स्थिति बनी स्वेफ़ में एक व्यक्ति की मौत हुई है. स्वेज नहर के शहर इस्मालिया में झड़पों की ख़बरें हैं.
राष्ट्रपति चुने जाने के तेरह महीने बाद ही इस साल जुलाई में सेना द्वारा मोहम्मद मोर्सी को राष्ट्रपति के पद से हटाए जाने के बाद हुई लगातार हिंसा में अबतक कई सौ लोगों की मौत हो चुकी है.
मोहम्मद मोर्सी और मुस्लिम क्लिक करें ब्रदरहुड के अन्य वरिष्ठ नेताओं को हिरासत में लेकर उन पर क्लिक करें मुक़दमा चलाया जा रहा है.
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