- जेकेवी लैंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड ने की धोखाधड़ी
- निवेशकों से करोड़ों रुपये जमा कर बनाए फ्लैट, दूसरों को दिया बेच
- शिकायतों के बाद हरकत में आई ईडी, तीन ठिकानों पर मारा छापा
LUCKNOW:
सस्ते में मकान दिलाने और आकर्षक स्कीम के जरिए पैसा भी वापस करने का झांसा देकर निवेशकों से करोड़ों रुपये ठगने वाली राजधानी की जेकेवी लैंड इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट प्राइवेट लिमिटेड के तीन ठिकानों पर इंफोर्समेंट डायरेक्टरेट ने छापा मारा है। देर रात तक ईडी के अफसर कंपनी के डायरेक्टर के आवास, ऑफिस और निर्माणाधीन बिल्डिंग को खंगाल रहे थे। ईडी ने यह कार्रवाई मऊ जिले में कंपनी के खिलाफ हुई एफआईआर के बाद की है। जांच में सामने आया है कि कंपनी ने निवेशकों से जुटाई रकम के बदले उन्हें मकान देने के बजाय रिहायशी बिल्डिंग बना ली जिसे वह बेचने की तैयारी में थी।
700 करोड़ का मामला
ईडी के सूत्रों की मानें तो जेकेवी इंफ्रा के डायरेक्टर मऊ निवासी राजेश कुमार सिंह और उनकी पत्नी प्रियंका सिंह ने कंपनी की नई स्कीम लांच की थी। इसमें निवेश करने पर मकान के साथ पैसा वापस करने का ऑफर भी दिया गया था। उन्होंने जानकीपुरम के सहारा स्टेट में आलीशान घर और कंपनी का ऑफिस भी खोला जहां निवेशकों को बुलाकर उन्हें पूरी स्कीम बताई जाती थी। इस तरह उन्होंने करीब 700 करोड रुपये भी एकत्र कर लिये। वहीं जब निवेशकों ने मकान नहीं मिलने पर कंपनी पर दबाव बनाना शुरू किया तो राजेश कुमार सिंह पैसा वापस करने से मुकरने लगे। इस दरम्यान उन्होंने टेढ़ी पुलिया पर एक जमीन खरीदी और एक बिल्डर से एग्रीमेंट कर बिल्डिंग का निर्माण शुरू कर दिया जिसमें 70 फ्लैट बनाये। इसमें से 30 फ्लैट राजेश सिंह को जबकि 40 बिल्डर को मिलने थे। यह इमारत फिनिशिंग स्टेच पर है जिसे ईडी ने गुरुवार को खंगाला। इसके अलावा राजेश के सहारा स्टेट स्थित आवास और जानकीपुरम स्थित ऑफिस पर छापा मारकर 25 लाख रुपये नगद भी बरामद किए है।
केस भी किया दर्ज
दरअसल यह मामला सामने आने के बाद ईडी ने मऊ पुलिस से एफआईआर की प्रमाणित कॉपी ली और बुधवार को कंपनी के डायरेक्टर्स के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया। इसके बाद कंपनी के ठिकानों पर छापेमारी की रणनीति बनाई गयी। गुरुवार को ईडी की तीन टीमों ने सहारा स्टेट, जानकीपुरम और टेढ़ी पुलिया स्थित उनके ठिकानों पर छापा मारकर 25 लाख रुपये से ज्यादा नकदी, निवेशकों से जुड़े दस्तावेज, कंपनी के दस्तावेज, बैंक खातों की जानकारी, संपत्तियों के दस्तावेज, कंप्यूटर की हार्ड डिस्क अपने कब्जे में ली। खबर लिखे जाने तक ईडी के अफसर छापेमारी अंजाम दे रहे थे।
बिल्डर्स के साथ किया था एमओयू
ईडी के सूत्रों की मानें तो इस गोरखधंधे में बिल्डर भी शामिल हैं। दरअसल राजेश ने बिल्डिंग पर इमारत बनाने के लिए आयान कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के साथ एमओयू किया था। इस कंपनी में नौशाद आलम, रियाज अहमद, बख्तियार और प्रमिला नौशाद पार्टनर हैं जिनकी इस मामले में संलिप्तता की जांच भी शुरू कर दी गयी है। वहीं दूसरी ओर राजेश ने आदि क्रेडिट कोआपरेटिव सोसाइटी के नाम से एक कंपनी और बनाई थी जिसके जरिए भी वह निवेशकों को ठग रहा था।