एक सेंसर की पहचान कर ली
वैज्ञानिकों ने एक्सरसाइज सेंसर की तरह काम करने वाले एक सेंसर की पहचान कर ली है। यह एक्सरसाइज करने के दौरान होने वाले ब्लड के फ्लो में बदलाव का पता लगाता है। इस जानकारी के सामने आने के बाद अब हो सकता है कि बिना जिम में पसीना बहाए आप एक्सरसाइज से होने वाले लाभ ले सकते हैं।
शोध के दौरान वैज्ञानिकों ने पाया कि शारीरिक गतिविधि के दौरान हृदय शरीर में अधिक रक्त को पंप करता है। तब एंडोथेलियम में मौजूद पाइजो1 प्रोटीन रक्त वाहिकाओं की दीवार पर बढ़े हुए दबाव को महसूस करता है।
रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती
इसके बाद यह थोड़ा एंडोथिलियम में इलेक्ट्रिक बैलेंस को बदल देता है और इससे रक्त वाहिकाएं सिकुड़ जाती हैं। इससे पेट और आंतों को रक्त का प्रवाह कम हो जाता है, जिससे रक्त को मस्तिष्क और मांसपेशियों तक पहुंचने में मदद मिलती है, जो सक्रिय रूप से व्यायाम में लगी होती हैं। ब्रिटेन के लीड्स विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डेविड बीच इस शोध के प्रमुख हैं। उन्होंने कहा कि यदि हम यह समझ सकें कि यह सिस्टम कैसे काम करता हैं, तो हम आधुनिक समाजों में फैली बड़ी बीमारियों से निपटने में मदद कर सकते हैं। इस सिस्टम को समझने के बाद ऐसी तकनीक को विकसित करना आसान होगा।
शारीरिक प्रणाली की पहचान
नेचर कम्युनिकेशंस में प्रकाशित पेपर में बीच ने कहा, हम जानते हैं कि एक्सरसाइज करने से दिल की बीमारी, स्ट्रोक और कई अन्य स्थितियों से बचा सकता है। इस अध्ययन ने एक शारीरिक प्रणाली की पहचान की है, जो यह पता करता है कि व्यक्ति कब एक्सरसाइज कर रहा है। इसके अलावा, शोधकर्ताओं ने योडा1 नाम के प्रयोगात्मक कम्पाउंड के पाइजो1 प्रोटीन पर प्रभाव की जांच की। उन्होंने पाया कि यह शारीरिक गतिविधि के दौरान एंडोथिलियम की दीवारों पर रक्त के प्रवाह में बढ़ोतरी का जो अनुभव होता है, यह उसकी नकल करता है।
दवा विकसित की जा सकती
इस संभावना को बढ़ाकर एक दवा विकसित की जा सकती है, जो एक्सरसाइज की वजह से होने वाले स्वास्थ्य लाभ को बढ़ाती है। शोधकर्ताओं ने कहा कि आंतों में पाइजो1 प्रोटीन को संशोधित करके एक ऐसी दवा बनाने की दिशा में आगे बढ़ा जा सकता है, जो कार्डियोमेटाबॉलिक सिंड्रोम जैसे कार्डियोवैस्कुलर बीमारियो और टाइप-2 डायबिटीज को नियंत्रित कर सकती है।Interesting News inextlive from Interesting News Desk
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