घायलों की मदद
भूकंप जैसे ही रुक जाए, सबसे पहले आस-पास के घायलों की तुरंत मदद करें। आपके घर के अगल-बगल जो बुजुर्ग और अपाहिज हैं, उन्हें जल्द से जल्द उपचार कराने ले जाएं।
बच्चों को समझाएं
भूकंप के बाद के झटकों से निपटने के लिए सबसे पहले अपने बच्चों को समझा दें कि वह एलर्ट रहें। जैसे भी हल्का सा भी झटका हो वह मैदान की ओर भागें। बिल्कुल भी परेशान न हों।
इन जगहों से न गुजरें
भूकंप आने पर अक्सर बड़ी इमारतों या काफी पुरानी इमारतों पर ज्यादा असर पड़ता है। ऐस में सावधानी बरतते हुए उन दीवारों में जहां दरार पड़ी हों उसके पास से बिल्कुल भी न गुजरें।
ज्वलनशील चीजें हटा दें
आपके घर के पास कोई भी ऐसी चीज है जिसमें कि जल्द ही आग लग सकती हैं। ऐस में उन सभी चीजों को तुरंत हटा दें, क्योंकि भूकंप आने के बाद आग सबसे बड़ा खतरा हो सकता है।
जानकारी लेते रहें
भूकंप रुकने बाद टीवी सेट और रेडियो से लगातार जुड़े रहें। इससे आपको इमरजेंसी की जानकारी मिलती रहेगी। इस समय अपने फोन को सिर्फ इमरजेंसी कॉल के लिए ही इस्तेमाल करें।
शेल्टर हाउस पहुंच जाएं
अगर घर क्षतिग्रस्त हो गया है, तो तुरंत किसी नजदीकी शेल्टर हाउस पहुंच जाएं। राहत-बचाव की टीम का सहयोग करें। घर तभी वापस जाएं जब कोई ऑर्थराइज एनाउंसमेंट हो जाए।
रिस्ट्रेक्टेड एरिया में न जाएं
भूंकप आने पर अक्सर सड़कों में दरारें आ जाती हैं। ऐसे में अगर आप सड़क पर गाड़ी ड्राइव कर रहे हैं, तो धीमी गति से चलें। अगर कहीं पर रिस्ट्रेक्टेड हो तो वहां बिल्कुल मत जाएं।
घर को अच्छे से चेक करें
भूकंप आने के बाद एक बार अपने घर को पूरी तरह से चेक करें। ऐसे में घर के सभी कमरों को सावधानीपूर्वक खोलें क्योंकि अंदर से कभी भी कोई भी चीज आपके ऊपर भी गिर सकती है।
सिलेंडर से बचकर रहें
भूकंप के बाद मलबा साफ करना बड़ा रिस्की काम होता है। इस दौरान काफी एलर्ट रहने की जरूरत होती है। सिलेंडर से बचकर रहें, क्योंकि क्षतिग्रस्त होने से यह कभी भी फट सकता है।
इलेक्िट्रशियन से चेक कराएं
भूकंप आने के बाद इलेक्िट्रकल सिस्टम पर ध्यान देना बहुत जरूरी होता है। इस दौरान अगर फॉल्ट हुआ है या फिर कहीं पर स्पार्क हुआ है, तो उसे इलेक्िट्रशियन से जरूर चेक करा लें।
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