डाॅ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद)। Dussehra 2021 Dainik Panchang : हिंदू धर्म में पंचांग का विशेष महत्व होता है। शुक्रवार 15 अक्टूबर, 2021 को दशमी तिथि 18:03:31 तक तदोपरान्त एकादशी तिथि है। दशमी तिथि की स्वामी यमराज जी हैं तथा एकादशी तिथि के स्वामी विश्वदेव जी हैं। आज के दिन शाम के समय घर के ईशान कोण या मन्दिर में गाय के घी का दीपक जलाने से धन प्राप्ति के योग बढ़ते हैं।
आज के दिन क्या करें और क्या न करें
शुक्रवार को पश्चिम दिशा में यात्रा नहीं करना चाहिए तथा ज्यादा आवश्यक हो तो घर से दही खा कर निकलें। इस तिथि में परवल / कलम्बी नही खाना चाहिए व अन्नप्रासन, विवाह आदि कार्यों के लिए शुभ मानी गयी है। दिन का शुभ मुहूर्त, दिशाशूल की स्थिति, राहुकाल एवं गुलिक काल की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी आगे दी गई है।
15 अक्टूबर 2021 दिन- शुक्रवार का पंचांग
सूर्योदयः- प्रातः 06:16:00
सूर्यास्तः- सायं 05:44:00
विशेषः- आज के दिन शाम के समय घर के ईशान कोण या मन्दिर में गाय के घी का दीपक जलाने से धन प्राप्ति के योग बढ़ते हैं।
विक्रम संवतः- 2078
शक संवतः- 1943
आयनः- दक्षिणायन
ऋतुः- शरद ऋतु
मासः- अश्विन माह
पक्षः- शुक्ल पक्ष
तिथिः- दशमी तिथि 18:03:31 तक तदोपरान्त एकादशी तिथि
तिथि स्वामीः- दशमी तिथि की स्वामी यमराज जी हैं तथा एकादशी तिथि के स्वामी विश्वदेव जी हैं।
नक्षत्रः- श्रवण नक्षत्र 09:16:00 तक तदोपरान्त घनिष्ठा नक्षत्र
नक्षत्र स्वामीः- श्रवण नक्षत्र के स्वामी चन्द्र देव हैं तथा घनिष्ठा नक्षत्र के स्वामी मंगल देव हैं।
योगः- शूल 24:02:00 तक तदोपरान्त गंड
गुलिक कालः- शुभ गुलिक काल 07:47:00 से 09:14:00 तक
दिशाशूलः- शुक्रवार को पश्चिम दिशा में यात्रा नहीं करना चाहिए तथा ज्यादा आवश्यक हो तो घर से दही खा कर निकलें।
राहुकालः- आज का राहु काल 10:40:00 से 12:06:00 तक
तिथि का महत्वः- इस तिथि में परवल / कलम्बी नही खाना चाहिए व अन्नप्रासन, विवाह आदि कार्यों के लिए शुभ मानी गयी है।
“हे तिथि स्वामी, योग स्वामी, नक्षत्र स्वामी, दिन स्वामी आप पंचांग का पाठन करने वालों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखना।”