तरह-तरह के प्रोडक्ट अपने एडवरटीजमेंट में बढ़ती उम्र को रोकने और जवान बनाए रखने के दावे करते हैं. अगर सबकुछ ठीक रहा तो वह दिन दूर नहीं जब यह दोनों ही हसरतें पूरी हो जाएंगी. साइंटिस्ट ने एक रिसर्च में एक ऐसी दवा बनाने का दावा किया है जिससे आदमी 150 साल जी सकेगा. उनका कहना है कि बढ़ती उम्र के लक्षणों से मुकाबला करने में सक्षम यह दवा 5 साल के अंदर मार्केट में मौजूद होगी.

रिसर्च के मुताबिक ह्यूमन बॉडी में एक खास एंजाइम को टारगेट किया जाएगा. जो बढ़ती एज से जुड़ी डिजीज को रोकेगा और लंबी उम्र देगा. यह रिसर्च साइंस मैगजीन जर्नल साइंस में प्रकाशित हुआ है. रिसर्च साइंटिस्ट का कहना है कि इस अकेले एंजाइम पर 117 दवाओं के रिसर्च के बाद यह दावा किया गया है.

उनके मुताबिक यह दवा कैंसर, अल्जाइमर और टाइप 2 डायबिटीज जैसी बीमारियों को रोकने में सक्षम होगी. चीफ रिसर्च यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स के प्रोफेसर डेविड सिनक्लेयर ने कहा कि आजकल की दवाओं के विपरीत यह 20 अन्य डिजीज की रोकथाम करेंगी. मगर अंत में एक दवा एक रोग का इलाज करेगी.

 

एसआईआरटी1 नाम का यह एंजाइम नेचुरल तरीके पर व्यायाम करने और पौष्टिक आहार लेने पर भी एक्िटव रहता है, लेकिन उत्प्रेरक का प्रयोग करके भी इसे एक्िटव किया जा सकता है. स्वाभाविक रूप से सबसे आम उत्प्रेरक रेसवेराट्रॉल होता है, जो रेड वाइन में कम मात्रा में पाया जाता है. हालांकि ज्यादा पावरफुल कृत्रिम उत्प्रेरक को डेवलेप किया जा चुका है. रेसवेराट्रॉल बढ़ती उम्र को रोकने में सहायक होता है.

चूहों पर हुई रिसर्च

रिसर्च साइंटिस्ट्स ने जब मोटे चूहों को कृत्रिम रेसवेराट्रॉल दिया तो वह पतले चूहों के मुकाबले 2 गुना तेजी से दौड़े. यही नहीं वे 15 परसेंट ज्यादा जिए. इस तकनीक को दवा कंपनी ग्लैक्सोस्मिथ क्लाइन को 2008 में बेचा गया था. सिनक्लेयर ने कहा कि हमारी दवाओं का वजन पर कोई असर नहीं होगा. उन्होंने बताया कि पहली दवा डायबिटीज के मरीजों के लिए बाजार में उतारी जाएगी.

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