नई दिल्ली (एएनआई)। भारत के मुख्य न्यायाधीश एनवी रमना ने संसद के सेंट्रल हॉल में उन्हें राष्ट्रपति पद की शपथ दिलाई। 64 वर्षीय विपक्षी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा को हराकर पहली आदिवासी और शीर्ष संवैधानिक पद संभालने वाली दूसरी महिला बनीं। निवर्तमान राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद और मुर्मू शपथ समारोह से पहले एक औपचारिक जुलूस में संसद पहुंचे। मुर्मू को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला केंद्रीय हॉल तक ले गए। शपथ ग्रहण समारोह में मंत्रिपरिषद के सदस्य, राज्यपाल, मुख्यमंत्री, राजनयिक मिशन के प्रमुख, संसद सदस्य और सरकार के प्रमुख नागरिक और सैन्य अधिकारी भी मौजूद थे।
राष्ट्रपिता को दी श्रद्धांजलि
शपथ समारोह से पहले मुर्मू ने राजघाट में महात्मा गांधी के स्मारक का दौरा किया और राष्ट्रपिता को श्रद्धांजलि दी। इसके बाद उन्होंने निवर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रथम महिला सविता कोविंद से मुलाकात की। शपथ ग्रहण समारोह के बाद मुर्मू राष्ट्रपति भवन के लिए रवाना होंगी, जहां फोरकोर्ट में उन्हें एक अंतर-सेवा गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा और निवर्तमान राष्ट्रपति कोविंद के प्रति शिष्टाचार प्रदर्शित किया जाएगा। शपथ समारोह के बाद 21 तोपों की सलामी दी जाएगी।
18 जुलाई को हुआ था मतदान
22 जुलाई को एनडीए की राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू को मतगणना की समाप्ति के बाद आधिकारिक तौर पर देश की 15वीं राष्ट्रपति घोषित किया गया। मुर्मू को 6,76,803 के मूल्य के साथ 2,824 वोट मिले, जबकि उनके प्रतिद्वंद्वी यशवंत सिन्हा को 3,80,177 के मूल्य के साथ 1,877 वोट मिले। 18 जुलाई को हुए मतदान में कुल 4,809 सांसदों और विधायकों ने वोट डाला। राज्यसभा के महासचिव और राष्ट्रपति चुनाव 2022 के लिए रिटर्निंग ऑफिसर, पीसी मोदी ने दिल्ली में अपने आवास पर निर्वाचित राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को प्रमाण पत्र सौंपा। मुर्मू की जीत पर राजनीतिक बिरादरी की ओर से सभी दलों की ओर से शुभकामनाएं दी गईं।
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