वाशिंगटन (पीटीआई)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि ईरान में 5 नवंबर से फिर सभी प्रतिबंध लागू हो जायेंगे और साथ ही उन्होंने वादा किया कि भविष्य में अमेरिका तेहरान को दुनिया का सबसे घातक हथियार बनाने की अनुमति नहीं देगा। मई में, ट्रंप प्रशासन ने ईरानी परमाणु समझौते से अमेरिका का पैर वापस खींच लिया था और इस्लामी राष्ट्र की घातक गतिविधियों का हवाला देते हुए ईरान पर कड़े प्रतिबंधों की एक सीरीज को फिर से लागू करने का ऐलान कर दिया था। हालांकि प्रतिबंध पहले से ही लागू हो चुके हैं लेकिन 4 नवंबर से ये मान्य होंगे। अमेरिका उम्मीद करता है कि भारत समेत सभी देश प्रतिबंध पूरी तरह से लागू होने के बाद ईरान से तेल आयात बंद कर देंगे।
व्हाइट हाउस में दिया बयान
व्हाइट हाउस में ट्रंप ने अपने बयान में कहा, '5 नवंबर को, ईरान पर सभी अमेरिकी प्रतिबंध लागू हो जाएंगे, आगे से अमेरिका कभी ही ईरान को घातक हथियार बनाने की अनुमति नहीं देगा।' गौरतलब है कि परमाणु समझौते से अमेरिका के बाहर आने के बाद से ही दोनों देशों के बीच तनातनी बढ़ गई। अमेरिका ईरान पर नई शर्तो के साथ परमाणु समझौता करने का दवाब डाल रहा था लेकिन ईरान इसके लिए तैयार नहीं हुआ, जिसके बाद अमेरिका ने प्रतिबंध लागू करने का फैसला कर लिया ।
ईरान करता है भारत को तेल आयात
दरअसल, ईरान, जर्मनी और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थाई सदस्यों - ब्रिटेन, चीन, फ्रांस, रूस और अमेरिका के बीच जुलाई 2015 में जेसीपीओए समझौता हुआ था। इस समझौते के तहत ईरान आर्थिक मदद और खुद पर लगे अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों को हटाने की एवज में अपने परमाणु हथियार कार्यक्रमों को रोकने पर सहमत हुआ था लेकिन मई में अमेरिका ने इस समझौते को एकतरफा बताते हुए अपने आप को इस प्रोग्राम से अलग कर लिया था। ईरान पर प्रतिबंध से सबसे ज्यादा नुकसान भारत को होगा क्योंकि गल्फ देशों के बाद इंडिया सबसे ज्यादा ईरान से ही तेल आयात करता है।
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