पीएम ने किया था वीडियो का जिक्र
नोटबंदी के बाद उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में तीन दिसंबर को हुई परविर्तन रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक व्हाट्सऐप वीडियो का जिक्र किया था। मोदी ने कहा था कि उन्हें किसी ने एक वीडियो दिखाया था जिसमें एक भिखारी भीख मांगने के लिए स्वाइप मशीन का इस्तेमाल करता है। मोदी का जिक्र करने के बाद वो वीडियो तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा। मीडिया ने भी उस भिखारी की खोजबीन शुरु कर दी। जब इस बात की तह तक पहुंचा गया तो सभी इसका सच जान कर चौंक गए। ये पूरा का पूरा वीडियो ही झूठा निकला।
फर्जी है भिखारी वाला वीडियो
छानबीन के दौरान पता चला कि ये वीडियो हैदराबाद की एक प्राइवेट कंपनी न्यूमरो ग्राफिक्स क्रिएटिव सलुशंस प्राइवेट लिमिटेट ने अपने प्रचार के लिए बनवाया था। ये वीडियो नवंबर 2013 में बनाया गया था। यूट्यूब पर 16 जनवरी 2014 को इसे अपलोड किया गया। न्यूमेरो ग्राफिक की को-फाउंडर कुलप्रीत कौर ने बताया कि ये एक प्रमोशनल वीडियो कंपनी की ओर प्रमोशन के तौर पर बनया गया था। कंपनी की ओर से ही भिखारी को स्वाइप मशीन मिली थी। 2013 में न्यूमेरो ग्राफिक्स की शुरुआत की और कंपनी का प्रमोशन क्रिएटिव वीडियो के जरिए करने की योजना बनाई। अबतक इसे एक लाख से भी ज्यादा बार देखा जा चुका है।
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