कृत्रिम हीरे का निर्माण
जी हां हाल ही में वैज्ञानिकों ने स्वच्छ ऊर्जा के उत्पादन के लिए परमाणु कचरे के उपयोग के रास्ते निकाले हैं। जिससे स्वच्छ बिजली का उत्पादन किया जा सकता है। इसके अलावा मोबाइल की बैटरी लाइफ की समस्या को भी सॉल्व किया जा सकता है। कहा जा रहा है कि इससे बैटरी की लाइफ एक लंबे समय तक चलेगी। ब्रिटेन के ब्रिस्टल विश्वविद्यालय में शोधकर्ताओं ने एक कृत्रिम हीरे का निर्माण किया है।
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मैग्नेट से होकर गुजरती
इसे रेडियोधर्मी क्षेत्र में रखने पर विद्युत धारा उत्पन्न होगी। उत्पादन प्रौद्योगिकियों में बिजली एक कॉइल वायर के माध्यम से मैग्नेट से होकर गुजरती है। जिसमें यह मानव निर्मित हीरा काफी जबरदस्त काम करेगा। इस हीरे को रेडियोधर्मी स्रोत के करीब रखने पर आसानी से करंट पैदा होगा। सबसे खास बात तो यह है कि इस प्रक्रिया में बिजली का उत्पादन सीधे तौर पर होता है।
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मूव नहीं किया जा सकता
इस कृत्रिम हीरे में कोई भी ऐसा पार्ट नहीं होता है जिसे मूव किया जा सके। वैज्ञानिकों का कहना है कि इससे तैयार बैटरी को संभाल कर रखने की भी जरूरत नही होती है। सबसे खास बात तो यह है कि इस बैटरी की लाइफ करीब 5000 साल तक चलेगी। जिससे साफ है कि मोबाइल भले ही खत्म हो जाए लेकिन परमाणु कचरे से तैयार हुई बैटरी चलती रहेगी।
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