कहर बरपाया
जी हां युगांडा में कभी अपनी तानाशाही चलाने वाले ईदी अमीन आज इस दुनिया में भले ही नहीं हैं लेकिन उनका खौफ लोगों के जेहन में बरकरार है। 16 अगस्त 2003 में इस दुनिया के अलविदा कहने वाले अमीन का जन्म 1925 में कोबोको में हुआ था। ईदी अमीन की क्रूरता के बोर में आप कभी सोच भी नही सकते हैं। ईदी ने सैन्य नेता एवं राष्ट्रपति के रूप में अपने देश की जनता पर वो कहर बरपाया था। जिसके बारे में सोचकर भी आपकी रुह कांप उठेगी। ईदी ने राष्ट्रपति के पद पर रहते हुए लांगो और अछोली जातीय समूह के लोगों पर खूब अत्याचार किया था।
ईदी ने इस समूह के करीब 5 लाख लोगों की हत्या कराई थी। इसके अलावा वह लोगों को जिंदा भी जमीन में गड़वा देता था। इतना ही नहीं ईदी अमीन के हाथ मिलने वाली मौत की सजा से भी लोग घबराते थे क्योंकि उसका तरीका बेहद दर्दनाक होता था। वह कभी लोगों को फांसी या गोली मारकर सजा नहीं देता था कि जिससे उनकी कुछ मिनटों में मौत हो जाए। वह लोगों को जिंदा तड़पाता था। वह महिलाओं के साथ काफी गलत काम करता था। वह हर दिन बड़ी संख्या में खूबसूरत महिलाओं को अपनी हवस का शिकार बनाता था।
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सबसे खास बात तो यह है कि इंसानों के मांस को बेहद स्वाद से खाता था। वह इंसानों के कटे सिरों को कई दिनों तक फ्रिज में रखता था। ऐसे में इसके आतंक से पूरा देश परेशान था। ऐसे में 1979 में तंजानिया और अमीन विरोधी युगांडा सेना ने इसके अत्याचार पर रोक लगाई। जब उसे लगा कि अब वह मारा जाएगा तो वह यहां से लीबिया और फिर वहां से सऊदी भाग गया। वहीं पर इसने अपने जीवन की अंतिम सांस ली। जब इसकी मौत की खबर मिली तो इसके आतंक से आजिज यूगांडा के लोगों को बड़ी खुशी हुई थी।Weird News inextlive from Odd News Desk