देवी को नमकीन पसंद
जी हां मध्य प्रदेश के दतिया जिले में धूमावती माता का मंदिर बना है। शनिवार के दिन इस मंदिर में दूर-दूर से लोग दर्शन के लिए आते हैं। यहां की मान्यता है कि इस मंदिर में जो भी मन्नत मांगी जाती है वह पूरी होती है। माता धूमावती अपने भक्तों का बाल भी बांका नहीं होने नहीं देती हैं। पुराणों की दस महाविद्याओं में धूमावती माता को को दारुण विद्या के रूप में पूजा जाता है। इन देवी के हाथ सूप विराजता है। मीठे की जगह इन्हें नमकीन भोग लगाने पर यह ज्यादा खुश होती हैं। इन्हें पकौड़ी, प्याज, दाल, चावल आदि पसंद हैं। यह देवी विधवा रूप में रहती हैं। जिससे यहां पर सुहागिन औरते इनकी पूजा नहीं करती हैं। इनके विधवा होने के पीछे भी एक बड़ी अनोखी कथा कही जाती हैं।
इंतजार नहीं किया गया
कहा जाता है कि धूमावती देवी माता पार्वती देवी का ही स्वरूप हैं। माता पार्वती शिव जी के साथ कैलाश विराजी थीं। इस दौरान माता रानी को भूख लगी तो उन्हें शिव जी को अपनी इच्छा बताई। इस पर भगवान शिव ने उन्हें थोड़ा इंतजार करने को कहा। ऐसे में जब ज्यादा वक्त लगा तो पार्वती जी को क्रोध आ गया और उन्होंने बिना इंतजार के शिव जी को ही खा लिया था। इसके बाद उनके शरीर से धुंआ निकलने लगा। वहीं शिव जी मायावी अवतार में आकर उनसे कहने लगे कि तुम्हारे शरीर से धुंआ निकलने की वजह से आज से तुम्हारा नाम धूमावती देवी होगा। इसके अलावा तुम्हारी पूजा भी विधवा रूप में ही होगी।Interesting News inextlive from Interesting News Desk