इफेक्ट अलग-अलग
जी हां लगभग सभी लोगों को पता है कि ग्रहण दो प्रकार के पड़ते हैं। सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण के रूप ये ग्रहण साल में कई बार पड़ते हैं। इसके साथ ही इनका साइज और इफेक्ट अलग-अलग होता है। सबसे खास बात तो यह है कि सूर्य ग्रहण हो या चंद्र ग्रहण, खगोलविदो और खगोल प्रेमियों के लिये दोनो ही आकर्षण का केद्र होते है। इस दौरान बड़ी संख्या में लोग इस प्राकृतिक घटना देखने की कोशिश में रहते हैं। खगोलविदों के मुताबिक खगोल प्रेमियों को ग्रहण के चार रोमांचक दृश्य दिखायेगी।
शुरुआत फरवरी से
हालांकि इस दौरान भारत में सिर्फ दो के ही दिखने की संभावना जताई जा रही है। इस संबंध में उज्जैन की प्रतिष्ठित जीवाजी वेधशाला के अधीक्षक डॉ. राजेंद्रप्रकाश गुप्त का कहना है कि नए साल में ग्रहणों की शुरुआत फरवरी से होगी। जिसमें सबसे पहले उपच्छाया चंद्रग्रहण पड़ेंगे। यह 11 फरवरी को पड़ेगा और भारत में साफ दिखाई देगा। इसके बाद 26 फरवरी को वलयाकार सूर्यग्रहण पड़ेगा। हालांकि यह भारत में नहीं दिखेगा। इसके बाद आगामी 7 आंशिक चंद्रग्रहण का नजारा देखने को मिलेगा। RBI के नए डिप्टी गवर्नर तो सचमुच के रॉक स्टार निकले, यकीन नहीं आता
ग्रहण भारत में नहीं
यह भारत में साफ दिखाई देगा। बड़ी संख्या में लोग इसे देखते हैं। वहीं 21 अगस्त को पड़ने वाला सूर्यग्रहण साल का आखिरी ग्रहण होगा। हालांकि यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा। बतादें कि चंद्र ग्रहण वह स्थिति है जिसमे पृथ्वी, चंद्रमा और सूर्य के बीच आ जाती है। इस दौरान चंद्रमा का पूरा या आधा भाग छुप जाता है और इसे चंद्रग्रहण कहा जाता है। वहीं जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है तब सूर्य कुछ समय के लिए चंद्रमा के पीछे छुप जाता है। यही स्थिति सूर्यग्रहण कहलाती है। पढ़ें इसे भी : क्या हैं कामयाब लोगों के सक्सेज मंत्र, किसी को बचाना है पैसा तो कोई कहता खतरा उठाना है जरूरी
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