सोते में होने स्वाभाविक प्रक्रियाओं में कमी आने पर होता है नुकसान
इंसानी सेहत के बारे में हुए एक शोध की मानें तो अगर कोई इंसान रोजाना जरूरत से कम नींद लेता है, तो उसे सावधान हो जाना चाहिए क्योंकि इसका किडनी पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। शरीर में अधिकांश प्रक्रियाएं नेचुरल डेली रिद्म (सरकाडियन क्लॉक या शरीर की प्राकृतिक घड़ी) के आधार पर होती हैं, जो हमारी नींद से नियंत्रित होती हैं। अध्ययन के दौरान पाया गया कि जब सोने के इस प्राकृतिक चक्र में बाधा आती है, तो किडनी बुरी तरह प्रभावित होती है। ब्रिघम एंड वूमेन्स हॉस्पिटल के प्रमुख शोधकर्ता सियारन जोसेफ मैक्कुलम ने 11 वर्षों की अवधि के दौरान कम से कम दो अवसरों पर 4,238 प्रतिभागियों की सूचनाओं का अध्ययन किया।
कम नींद से होता है नुकसान
शोधकर्ताओं ने पाया कि कम नींद लेने से किडनी की क्षमता बुरी तरह प्रभावित होती है। उदाहरणस्वरूप, प्रतिदिन पांच घंटे की नींद लेने वाली महिला की किडनी की कार्यक्षमता प्रतिदिन आठ घंटे की नींद लेने वाली महिला की किडनी की कार्यक्षमता से अधिक घटेगी। मैक्कुलम ने कहा कि यह पहला प्रत्याशित अध्ययन है, जिसमें यह बात सामने आती है कि जरूरत से कम नींद लेने पर किडनी की कार्यक्षमता प्रभावित होती है। इस अध्ययन का निष्कर्ष सैन डिएगो में आगामी तीन से आठ नवंबर को होनेवाले एएसएन किडनी वीक 2015 के दौरान प्रस्तुत किए जाएंगे।