कनाडा: क्या आप जानते हैं कि कनाडा में जरूरत पर मदद ना करना कानूनन अपराध है। ऐसा संभव नहीं है कि कोई मुसीबत में फंसे शख्स की तस्वीर खींच कर आगे नहीं बढ़ सकता। क्यूबक कानून के अनुसार अगर आपके सामने कोई दुर्घटना हुई तो उसे चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराना और पुलिस को खबर करना अनिवार्य है।
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डेनमार्क: डेनिश पेनल कोड के अनुसार भी यदि आपके सामने कोई जीवन के खतरे या किसी एक्सीडेंट से जूझ रहा है तो उसकी मदद करना हर नागरिक के लिए अनिवार्य है।
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फ्रांस: फ्रेंच कानून को आप यकीनन सबसे अच्छा बचाव कानून कह सकते हैं, जिसमें हादसे के शिकार लोगों की मदद के लिए चिकित्सा सुविधाओं को खबर करना अनिवार्य रूप से शामिल है। अगर कोई फ्रेंच नागरिक किसी मरणासन व्यक्ति की मदद करने में असफल रहता है तो उसे अपराध की श्रेणी में रखा जाता है।
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भारत: ऐसे में बावजूद इसके कि सर्वोच्च न्यायालय ने कहा कि दुर्घटना के शिकार हुए लोगों के बारे में जानकारी देने वाले को परेशान नहीं किया जायेगा, अभी भी भारत में लोग ऐसे मामलों में हाथ डालते से कतराते हैं और घटना को देख कर भी अनदेखा करना बेहतर समझते हैं। इसी वजह से अब ये सवाल उठने लगे कि क्या भारत में ड्यूटी टू हेल्प को अनिवार्य बनाने के लिए किसी स्पष्ट कानून को बनाना आवश्यक है। ताकि लोग असंवेदनशीलता से लोगों की मदद करने से कतराने से बचें।
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