चेन्नई (पीटीआई)। डीएमके अध्यक्ष मुत्तुवेल करुणानिधि 94 वर्षीय ने कल शाम कावेरी अस्पताल में अंतिम सांस ली।वह बीते 11 दिनों से अस्पताल में भर्ती थे। तमिलनाडु में निधन पर शोक अवकाश घोषित हो गया है। इसके अलावा आज तिरंगा आधा झुका रहेगा। वहीं करुणानिधि की मृत्यु के कुछ देर बाद ही मरीना बीच पर दफनाने को लेकर विवाद शुरू हो गया। डीएमके की याचिका पर मद्रास हाईकोर्ट में आधी रात को सुनवाई हुई।
मद्रास हाईकोर्ट में इस मामले में सुनवाई
हालांकि कि कोई निर्णय न निकलने पर कोर्ट ने मामले को सुबह 8 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया था। ऐसे में आज मद्रास हाईकोर्ट में इस मामले में सुनवाई जारी है। मरीना बीच पर करुणानिधि के समाधि स्थल का विरोध करने वाले ट्रैफिक रामास्वामी, के बालू और दुरईस्वामी की याचिका को खारिज कर दिया। इसके बाद याचिकाकर्ता ट्रैफिक रामास्वामी के वकील ने कहा कि हमें उनके शरीर को दफनाने के लिए जगह दने पर कोई आपत्ति नहीं है।
दफनाने के लिए मरीना बीच पर जगह मिली
तमिलनाडु राज्य सरकार की तरफ से हाईकोर्ट में हलफनामा भी दाखिल किया गया है। जवाबी हलफनामा दाखिल कर कहा कि परंपराओं के मुताबिक पूर्व मुख्यमंत्रियों का अंतिम संस्कार मरीना बीच पर नहीं हो सकता है। अभी तक सिर्फ दो मुख्यमंत्रियों को दफनाने के लिए मरीना बीच पर जगह मिली है। इसलिए सरकार राजाजी और कामराज के स्मारकों के समीप सरदार पटेल रोड पर दो एकड़ जगह देने के लिए तैयार है।
सरकार के लिए मुश्किलें पैदा हो सकती
बता दें कल रात तमिलनाडु सरकार ने करुणानिधि के पार्थिव शरीर को को दफनाने के लिए मरीना बीच पर जगह देने से इनकार कर दिया। सरकार का कहना था कि मरीना बीच को लेकर मद्रास हाईकोर्ट में तमाम केस चल रहे हैं। डीएमके समर्थकों ने जमकर हंगामा किया। द्रमुक इस मामले को लेकर रात में ही अदालत पहुंच गई थी। कोर्ट ने कहा था कि इस मामले में एक-एक मिनट की देरी से राज्य सरकार के लिए मुश्किलें पैदा हो सकती हैं
कहानीकार और स्क्रिप्ट राइटर से तमिलनाडु के मुख्यमंत्री तक विवादों से भरा रहा करुणानिधि का सफर
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