डाॅ. त्रिलोकीनाथ (ज्योतिषाचार्य और वास्तुविद)। Diwali 2021 Dainik Panchang: हिंदू धर्म में पंचांग का विशेष महत्व होता है। गुरुवार 4 नवंबर, अमावस्या तिथि 26:46:00 तक तदोपरान्त प्रतिपदा तिथि है। अमावस्या तिथि के स्वामी पित्र देव हैं तथा प्रतिपदा तिथि के स्वामी अग्निदेव हैं। गुरुवार के दिन भगवान विष्णु जी की पूजा करने से दीर्घ आयु की प्राप्ति होती है।
आज के दिन क्या करें और क्या न करें
गुरुवार को दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि ज्यादा आवश्यक हो तो घर से सरसों के दाने या जीरा खाकर निकलें। इस तिथि में कांसे के पात्र में भोजन करना मना है। यह तिथि पितृ कार्य और शल्य क्रिया के लिए शुभ है। दिन का शुभ मुहूर्त, दिशाशूल की स्थिति, राहुकाल एवं गुलिक काल की वास्तविक स्थिति के बारे में जानकारी आगे दी गई है।

04 नवम्बर 2021 दिन- गुरुवार का पंचांग
सूर्योदयः- प्रातः 05:30:00
सूर्यास्तः- सायं 06:30:00

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विशेषः- गुरुवार के दिन भगवान विष्णु जी की पूजा करने से दीर्घ आयु की प्राप्ति होती है ।
विक्रम संवतः- 2078
शक संवतः- 1943
अयनः- दक्षिणायन
ऋतुः- हेमन्त ऋतु
मासः- कार्तिक माह
पक्षः- कृष्ण पक्ष

तिथिः- अमावस्या तिथि 26:46:00 तक तदोपरान्त प्रतिपदा तिथि
तिथि स्वामीः- अमावस्या तिथि के स्वामी पित्र देव हैं तथा प्रतिपदा तिथि के स्वामी अग्निदेव हैं।
नक्षत्रः - स्वाति नक्षत्र 23:20:25 तक तदोपरान्त विशाखा नक्षत्र
नक्षत्र स्वामीः- स्वाति नक्षत्र के स्वामी राहु देव जी हैं तथा विशाखा नक्षत्र के स्वामी गुरु देव जी हैं।
योगः- प्रीति 11:08:40 तक तदोपरान्त सौभाग्य

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दिशाशूलः- गुरुवार को दक्षिण दिशा में यात्रा नहीं करनी चाहिए। यदि ज्यादा आवश्यक हो तो घर से सरसों के दाने या जीरा खाकर निकलें।
गुलिक कालः- शुभ गुलिक काल 09:19:00 A.M से 10:42:00 A.M तक
राहुकालः- आज का राहुकाल 01:26:00 P.M से 02:01:00 P.M तक
तिथि का महत्वः- इस तिथि में कांसे के पात्र में भोजन करना मना है। यह तिथि पितृ कार्य और शल्य क्रिया के लिए शुभ है।
“हे तिथि स्वामी, दिन स्वामी, योग स्वामी, नक्षत्र स्वामी आप पंचांग का पाठन करने वालों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाये रखना।”