घर में दुख-दरिद्रता या तकलीफ आने का कारण है- घर में प्रवेश करती नकारात्मक ऊर्जा। इस दिवाली आप अपने घर के नाकारात्मक ऊर्जा को दूर करके कष्टों से छुटकारा पा सकते हैं। दिवाली की तैयारियों में घर और पास—पड़ोस की सफाई करने का मकसद ही आस—पास फैली नकारात्मक ऊर्जा को खत्म करना होता है ताकि हमारे परिवेश में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो और हम उन्नति करें।
यदि जीवन में रिश्ते, स्वास्थ्य और आने वाली स्थितियों के प्रति अपना मानसिक दृष्टिकोण बेहतर बनाना हो तो इन बातों पर अवश्य गौर करें। आज हम कुछ ऐसे वास्तु टिप्स की चर्चा करेंगे, जिससे घर की वास्तु वाइब्स भी बेहतर होंगी और आप अनजाने में किए कार्यों के कारण मिलने वाले कष्टों से भी बच सकेंगे। यदि इन बातों का ख्याल रखेंगे तो आपका जीवन और भी सरल व सुखमय बनेगा:
1. दिवाली के अवसर पर अपने घरेलू रिश्तों को और भी सुंदर बनाने के लिए दक्षिण-पश्चिम में रोज क्वॉट्र्ज या व्हाइट क्वॉट्र्ज रखें। यह जरूर ध्यान रखें कि वह साफ किया हुआ हो। अगर परिवार में किसी के रिश्ते की बात चल रही हो, तो यह प्रभावी होगा।
2. घर में यदि कोई मांगलिक कार्य होना हो या दीपावली और धनतेरस की पूजा हो, तो ब्लैक तुरमिलेन प्रवेश द्वार के पास रखें। पति-पत्नी के बीच मधुर संबंध स्थापित करने के लिए शयन कक्ष में स्फटिक के दो गोले लटकाएं या टांग दें।
3. शयन कक्ष में एक्वैरियम, पानी का कोई शोपीस या पहाड़ का पोस्टर न ही रखें।
4. पति-पत्नी की फोटो शयन कक्ष में लगाएं। यदि पूरे परिवार की साथ में फोटो हो, तो वह भी दक्षिण
पश्चिम की तरफ लगाएं। घर में बच्चों की फोटो पश्चिम दिशा की तरफ लगाएं।
5. अक्सर लोग स्वास्थ्य, धन-दौलत या सफलता के लिए घर में ड्रैगन की तस्वीर लगाते हैं। इनकी संख्या ज्यादा न हो।
6. घर में शाम के समय पूजा करें और इस दौरान घंटी अवश्य बजाएं। घंटी बजाने से नकारात्मकता दूर होती है।
7. घर में बच्चे जहां पढ़ते हैं, वहां उनकी पुस्तकें खुली हुई न हों। पढ़ते समय बच्चों का मुख उत्तर-पूर्व, उत्तर या पूर्व दिशा की तरफ हो।
8. दिवाली के दिन या सामान्य दिनों में भी अपने घर में फूलों को अवश्य स्थान दें। विशेष तौर पर यदि घर में कोई व्यक्ति बीमार हो, तो उसके शयन कक्ष में फूल जरूर रखें। मुरझाए हुए फूल कभी भी न रखें क्योंकि इनसे नकारात्मक ऊर्जा निकलती है।
9. कछुआ लंबी आयु का प्रतीक माना गया है। इसकी प्रतिमा रखने से आयु में वृद्धि होती है और सुअवसर भी प्राप्त होते रहते हैं।
10 घर के उत्तर-पूर्व कोने में झाड़ू, जूते-चप्पलों का स्टैंड या कचरा न रखें। घर के प्रवेश द्वार के बीच भी झाड़ू नहीं रखनी चाहिए। उत्तर दिशा के प्रवेश द्वार के सामने भी जूते-चप्पल न रखें।
11. ध्यान दें कि घर में बिजली के उपकरण खराब अवस्था में न हों, नहीं तो बच्चों का मन पढ़ाई में नहीं लगता।
12. पूजाघर और तिजोरी सीढ़ियों के नीचे न हों। घर में टूटा हुआ कांच या दर्पण नहीं रखना चाहिए।
13. घर में खंडित मूर्तियां नहीं होनी चाहिए, नहीं तो मकान मालिक को स्वास्थ्य की दृष्टि से कष्ट होते हैं।
14. घर के सामने टूटा हुआ मकान नहीं होना चाहिए। इससे व्यक्ति कर्जदार बनता है।
15. आप जहां पूजा करें, वहां अंधेरा न हो तो अच्छा है। यह बीमारी और शत्रु भय का सूचक है। यहां ठीक तरह से रोशनी की व्यवस्था होनी चाहिए।
16. घर के भीतर या बाहर कपड़े सुखाने के लिए आड़े या खड़े बांस नहीं हों। इससे धन में कमी आती है।
17. दरवाजे के सामने सीढ़ी और पिलर नहीं होना चाहिए।
18. घर के सामने कोई ऐसा मकान न हो, जो बहुत समय से खाली पड़ा हो।
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