बैंकॉक (एएनआई)। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कश्मीर के मसले को हल करने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थ के रूप में काम करने की पेशकश की लेकिन भारत ने इस ऑफर को ठुकरा दिया। भारत ने इस बयान के बाद साफ शब्दों में यह कह दिया कि यह एक द्विपक्षीय मामला है और इसमें किसी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता स्वीकार नहीं है। बैंकॉक में आयोजित '9वें ईस्ट एशिया समिट फॉरेन मिनिस्टर मीट' के मौके पर दूसरे दिन भारतीय मंत्री एस जयशंकर ने इस कार्यक्रम से अलग हटकर अपने अमेरिकी समकक्ष माइक पोंपियो से मुलाकात की और दोनों के बीच हुई बैठक के बाद जयशंकर ने बताया कि उन्होंने पोंपियो से यह कह दिया है कि कश्मीर पर कोई भी चर्चा केवल भारत और पाकिस्तान के बीच ही होगी।
इमरान खान की यात्रा के बाद भारत और अमेरिका के बीच पहली बैठक
बैठक के बाद विदेश मंत्री जयशंकर ने ट्वीट किया, 'आज सुबह अमेरिकी समकक्ष माइक पोंपियो को साफ शब्दों में कहा कि कश्मीर पर कोई भी चर्चा केवल भारत और पाकिस्तान के बीच ही होगी क्योंकि यह एक द्विपक्षीय मामला है।' बता दें कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की अमेरिकी यात्रा के बाद भारत और अमेरिका के बीच यह पहली उच्च स्तरीय बैठक है। इमरान खान के साथ अपनी बैठक में ट्रंप ने कहा था कि मोदी ने उनके सामने कश्मीर का मुद्दा उठाया था और उन्हें मध्यस्थता करने के लिए कहा था, जिसे भारत ने खारिज कर दिया था।
भारत कर रहा कुलभूषण जाधव को काउंसलर एक्सेस के पाकिस्तानी प्रस्ताव का मूल्यांकन
भारत और पाकिस्तान पर निर्भर है मध्यस्थता
बता दें कि बैंकॉक में जयशंकर और पोंपियो के बीच हुई बैठक के कुछ ही घंटों पहले ट्रंप ने वाशिंगटन में कश्मीर के मसले को सुलझाने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता की पेशकश की लेकिन इसके साथ यह भी कहा कि यह मध्यस्थता सिर्फ भारत और पाकिस्तान पर निर्भर है। ट्रंप ने कहा कि अगर दोनों पड़ोसी देश इस मसले को हल करना चाहते हैं तो वह इस मामले में सहायता करने के लिए तैयार हैं।
International News inextlive from World News Desk