राजपक्षे का ये बयान सोलहिम की उस टिप्पणी के बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा है कि वे श्रीलंका में कथित गृहयुद्ध पर ग़वाही देने के इच्छुक हैं.
लिट्टे को धन देकर मदद वाले राजपक्षे के इस बयान के साथ ही श्रीलंका और नॉर्वे के बीच राजनयिक विवाद शुरू हो गया है.
राष्ट्रपति चुनाव
गृहयुद्ध के दौरान तमिल टाइगर्स और सरकार दोनों पर युद्ध अपराध के आरोप लगे.
सोलहिम ने कहा है कि राजपक्षे उनके बारे में झूठ कह रहे हैं और उनकी नज़र अगले वर्ष होने वाले राष्ट्रपति चुनाव पर है.
श्रीलंका में अगले वर्ष जनवरी में राष्ट्रपति चुनाव हो सकते हैं.
नॉर्वे ने एक दशक पहले श्रीलंका और तमिल टाइगर्स के बीच शांति वार्ता में मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी. ये बातचीत विफल रही थी.
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