पिता पाकिस्तान गए, बेटी डीना भारत में रहीं
पाकिस्तान को भारत से अलग करने वाले मोहम्मद अली जिन्ना की बेटी डीना वाडिया दुनिया को अलविदा कह गईं। न्यूयॉर्क स्थित उनके आवास पर डीना का निधन हुआ। डीना भारत के मशहूर बिजनेस घराने वाडिया ग्रुप से ताल्लुक रखती थीं। आजादी के बाद डीना ने भारत में ही रहने का मन बनाया, जबकि उनके पिता पाकिस्तान चले गए थे। डीना और उनके पिता जिन्ना के बीच कभी भी पटरी नहीं खाई, दोनों के बीच वैचारिक मतभेद जिंदगीभर बने रहे।
जिन्ना के खिलाफ जाकर शादी की
डीना का जन्म 15 अगस्त 1919 को हुआ था और भारत भी 15 अगस्त को आजाद हुआ। डीना जब 17 साल की थीं तब उन्हें एक भारतीय पारसी से प्यार हो गया। जिन्ना इसके खिलाफ थे, उन्हें लगता था कि डीना किसी मुस्लिम से शादी करें। जिन्ना ने अपनी बेटी से कहा कि देशभर में कई मुस्लिम लड़के हैं, उनमें से किसी से भी शादी कर लो। इस पर डीना ने कहा कि इस देश में हजारों मुस्लिम लड़कियां थीं फिर आपको शादी करने के लिए मेरी पारसी मां ही मिली थीं। दरअसल जिन्ना ने पारसी लड़की रुट्टी पेटिट से शादी की थी। डीना के इस जवाब ने जिन्ना की बोलती बंद कर दी और दोनों के बीच बोलचाल बंद हो गई।
98 साल में सिर्फ दो बार गईं पाकिस्तान
नेविली से शादी के बाद डीना कई सालों तक मुंबई में ही रहीं और फिर अमेरिका जाकर बस गईं। पिता जिन्ना द्वारा बनाए गए पाकिस्तान देश में डीना ने सिर्फ दो बार कदम रखा। पहली बार वह 1948 में गईं थी, जब उनके पिता जिन्ना की मौत की खबर मिली। पिता के अंतिम दर्शन के बाद वह वापस लौट गईं और दूसरी बार वह 2004 में कराची में अपने पिता के मकबरे पर फूल चढ़ाने गईं थीं।
घर पर लगाए थे भारत-पाक के झंडे
विभाजन के बाद डीना के सामने सबसे बड़ी मुश्किल थी कि वह किसे अपना देश चुनें। एक तरफ भारत था जहां उन्होंने शादी की, दूसरा उनके पिता द्वारा बनाया गया पाकिस्तान था। दोनों देशों से मोह होने के कारण उन्होंने कराची से कहीं दूर बम्बई के कोलाबा के एक फ्लैट में अपनी बालकनी पर दो झंडे लगाए थे। एक भारत का, दूसरा पाकिस्तान का। डीना के परिवार में उनके पुत्र एवं वाडिया समूह के अध्यक्ष नुसली एन. वाडिया, पुत्री डी.एन. वाडिया और पोते नेस और जेह हैं।
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